आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने वंदे मातरम पर संसद में एक कविता पढ़ी. ये कविता कुछ इस प्रकार है, वंदे मातरम केवल भारत का राष्ट्रगीत नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की आत्मा और आत्मसम्मान का प्रतीक है. कश्मीर से कन्याकुमारी और अहमदाबाद से अगरतला तक हर भारतीय के दिल में इसकी गूंज सुनाई देती है.