ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का एक्स-4 (Ax-4) मिशन, जिसकी लॉन्चिंग तीन बार टल चुकी है. वो कब अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होगा, उसका खुलासा NASA ने किया है. नासा ने लॉन्च विंडो के बारे में जानकारी दी है. शुभांशु ISS जाने वाले पहले भारतीय हैं. उनका मिशन भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी में एक बड़ा कदम है. आइए समझते हैं कि वे कब स्पेस स्टेशन जाएंगे? इस देरी की क्या वजहें हैं?
लॉन्च विंडो
नासा के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन प्रोग्राम के मैनेजर डाना वैगल ने बताया कि एक्स-4 मिशन के लिए लॉन्च विंडोज 30 जून 2025 तक खुली रहेंगी. इसके अलावा, मिड-जुलाई में एक अस्थायी ऑपरेशनल पॉज़ के बाद और विकल्प उपलब्ध होंगे.
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क्यों हो रही है देरी?
लॉन्च शेड्यूल में देरी की कई वजहें हैं...
ISS पर ट्रैफिक
ISS पर प्लान्ड ट्रैफिक लॉन्च शेड्यूल को प्रभावित कर रहा है. इसमें शामिल हैं...
रूस का प्रोग्रेस कार्गो व्हीकल: इसका अंडॉकिंग (undocking) जुलाई की शुरुआत में होना है.
दूसरे स्पेसक्राफ्ट की आगमन: जुलाई की शुरुआत में दूसरे स्पेसक्राफ्ट के ISS पहुंचने की संभावना है.
इन गतिविधियों के कारण ISS पर जगह और समय की व्यवस्था करना जरूरी है, जो लॉन्च विंडो को प्रभावित कर रहा है.
शुभांशु का मिशन
शुभांशु शुक्ला 14 दिनों के लिए ISS पर रहेंगे, जहां वे 7 रिसर्च प्रयोग करेंगे. ये प्रयोग भारतीय एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण हैं. भविष्य के स्पेस एक्सप्लोरेशन में मदद करेंगे. शुभांशु शुक्ला का स्पेस स्टेशन जाने का समय 30 जून 2025 तक या मिड-जुलाई में हो सकता है.
ये निर्भर करता है ISS की गतिविधियों और तकनीकी समस्याओं के समाधान पर. यह मिशन न केवल भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी में एक बड़ा कदम है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसका महत्व है. आने वाले दिनों में, हम शुभांशु के सफल लॉन्च और मिशन की प्रतीक्षा करेंगे.