भाग्यचक्र में बताया गया कि कुंडली में शुक्र के कमजोर या खराब होने के अलग-अलग प्रभाव होते हैं. कमजोर शुक्र से सुख की कमी और धन का अनावश्यक व्यय होता है, जबकि खराब शुक्र भोग भाव को प्रबल करता है और वैवाहिक जीवन में समस्याएँ पैदा करता है. कार्यक्रम में कमजोर और खराब शुक्र को ठीक करने के लिए विभिन्न उपाय भी बताए गए.