आज से ज्येष्ठ माह शुरू हो रहा है. इसे आम बोलचाल में जेठ का महीना भी कहा जाता है. इस महीने उत्तर भारत में इस दौरान भीषण गर्मी और तीव्र गर्म हवाएं चलती हैं. यह वही समय होता है, जब साल के सबसे लंबे दिन होते हैं. इस साल ज्येष्ठ माह का शुभारंभ 13 मई, मंगलवार यानी आज से शुरू हो रहा है. आइए जानते हैं कि इस महीने का क्या महत्व है और इसमें कौन-कौन से प्रमुख त्योहार आते हैं.
ज्येष्ठ माह का महत्व
इस महीने को "ज्येष्ठ" इसलिए कहा गया क्योंकि इस समय सूर्य की प्रखरता और तेजी अपने चरम पर होती है. इसलिए सूर्य उपासना को इस माह में विशेष फलदायी माना गया है. ऐसी मान्यता है कि यही वह महीना है जब श्रीराम और हनुमान जी की पहली भेंट हुई थी. इस माह में किया गया जल दान और तीर्थ यात्रा अत्यंत पुण्यकारी मानी जाती है. ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु, शनि देव और हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है.
ज्येष्ठ माह के व्रत और त्योहार
13 मई: नारद जयंती, ज्येष्ठ माह प्रारंभ, पहला बड़ा मंगल
14 मई: वृषभ संक्रांति
16 मई: एकदंत संकष्टी चतुर्थी
20 मई: दूसरा बड़ा मंगल, मासिक कालाष्टमी, कृष्ण जन्माष्टमी
23 मई: अपरा एकादशी
24 मई: शनि प्रदोष व्रत
25 मई: मासिक शिवरात्रि
26 मई: वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या
27 मई: तीसरा बड़ा मंगल, शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या, रोहिणी व्रत
29 मई: महाराणा प्रताप जयंती
30 मई: विनायक चतुर्थी
1 जून: स्कन्द षष्ठी
3 जून: चौथा बड़ा मंगल, धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी
4 जून: महेश नवमी
5 जून: गंगा दशहरा
6 जून: निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती
8 जून: प्रदोष व्रत
10 जून: पाँचवां बड़ा मंगल, वट पूर्णिमा, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
11 जून: ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान, दान, कबीरदास जयंती
बड़ा मंगल और मंगलवार का विशेष महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ माह के मंगलवार को विशेष रूप से बड़ा मंगल कहा जाता है क्योंकि इसी महीने श्रीराम से हनुमान जी की पहली भेंट हुई थी. इस दिन हनुमान जी और श्रीराम की पूजा, व्रत, भंडारा और सेवा कार्य करने से जीवन में संकटों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
बड़े मंगल की तिथियां 2025
13 मई – पहला बड़ा मंगल
20 मई – दूसरा बड़ा मंगल
27 मई – तीसरा बड़ा मंगल
3 जून – चौथा बड़ा मंगल
10 जून – पाँचवां बड़ा मंगल