Dev Diwali 2025: देव दिवाली, जिसे 'देवों की दिवाली' कहा जाता है, हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, जिसके बाद देवताओं ने प्रसन्न होकर काशी में दीप जलाकर उत्सव मनाया था. तभी से इस दिन को देव दीपावली के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई.
इस दिन वाराणसी की गलियां और घाट लाखों दीपों की रोशनी से जगमगाते हैं. गंगा के घाटों पर ऐसा दृश्य दिखाई देता है, मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो. श्रद्धालु गंगा स्नान, दीपदान और भगवान शिव की आराधना करते हैं. कई लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी इस दिन दान-पुण्य करते हैं. इस बार देव दिवाली 5 अक्टूबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी. ज्योतिषियों के अनुसार, देव दिवाली के दिन घर के कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने चाहिए. तो चलिए जानते हैं उन शुभ स्थानों के बारे में.
1. भगवान शिव के मंदिर में जलाएं दीपक
देव दिवाली की शुरुआत भगवान शिव की आराधना से करना बेहद शुभ माना गया है. सबसे पहले एक दीपक शिव मंदिर की चौखट पर जलाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मकता का वास होता है.
2. भगवान विष्णु के मंदिर में दीप जलाएं
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व है. उनके मंदिर की चौखट पर एक दीपक और फूल अर्पित करें. यह एक उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा जातक पर बरसने लगती है.
3. बेलपत्र वृक्ष के नीचे जलाएं दीपक
बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है. इसलिए देव दिवाली की शाम पर बेलपत्र के पेड़ के नीचे एक दीपक जलाकर एक फूल चढ़ाएं. इससे पितृ दोष दूर होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
4. पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक रखें
पीपल का वृक्ष देवताओं का वास स्थल माना गया है. इस दिन इस वृक्ष के नीचे दीपक और फूल अर्पित करने से घर-परिवार पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
5. आंवले के पेड़ के नीचे दीप जलाएं
आंवला देवी लक्ष्मी को समर्पित माना गया है. देव दिवाली के दिन इसके नीचे दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है. कहते हैं कि इससे अच्छी सेहत और धन वृद्धि के योग बनते हैं.
6. घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं
देव दिवाली की शाम अपने घर के मुख्य द्वार पर एक घी का चौमुखी दीपक अवश्य जलाएं. यह दीपक न केवल घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है बल्कि मां लक्ष्मी आगमन का भी प्रतीक होता है.
7. पवित्र नदी में दीप प्रवाहित करें
देव दिवाली के दिन अगर संभव हो तो एक दीपक पवित्र नदी में प्रवाहित जरूर करें. यदि नदी तक जाना संभव न हो, तो घर में जल वाले स्थान पर दीप रखें. यह एक उपाय जीवन और मन के अंधकार को दूर करता है.