आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने अपने नीतिशास्त्र में जीवन को समझने और सरल बनाने के लिए अनेक सूत्र दिए थे. उनका मानना था कि मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मों पर ही निर्भर नहीं करता, बल्कि कुछ बातें ऐसी भी होती हैं जो उसके जन्म से पहले तय हो जाती हैं. इन बातों के आधार पर व्यक्ति का भाग्य, परिस्थितियां और जीवन की दिशा तय होती है. आइए जानते हैं कि चाणक्य के अनुसार वे पांच जरूरी बातें कौन सी हैं जो हर इंसान के जीवन में जन्म से पहले ही लिखी जा चुकी होती हैं.
उम्र
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति की उम्र उसके जन्म से पहले ही तय हो जाती है. जब बच्चा अपनी मां के गर्भ में होता है, तभी यह लिखा जा चुका होता है कि वह कितने समय तक इस धरती पर रहेगा. इसका मतलब यह है कि किसी की मौत तय समय से पहले नहीं हो सकती.
चाणक्य के मुताबिक मौत एक ऐसी चीज है जिसे न कोई इसे जल्दी ला सकता है, न कोई इसे टाल सकता है. इसलिए हमें अपनी उम्र को लेकर डरना या चिंता करना छोड़ देना चाहिए.
बहुत बार लोग सोचते हैं कि अगर कुछ बुरा हो गया तो क्या होगा, या कहीं मौत न आ जाए, लेकिन चाणक्य बताते हैं कि ऐसे डर केवल हमारे मन में होते हैं. हकीकत में, जो होना है, वह अपने समय पर ही होगा. इसलिए डर में जीने की बजाय हमें अपने कर्म, मेहनत और लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए.
कर्म
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति का जीवन उसके कर्मों पर आधारित होता है. जो हम आज हैं, वह हमारे पिछले जन्म के कर्मों का परिणाम है, और जो हम आगे बनेंगे, वह हमारे आज के कर्मों से तय होगा. चाणक्य के अनुसार, मनुष्य के कर्मों का फल उसके गर्भ में आने से पहले ही तय हो जाता है. इसका मतलब है कि जो सुख, दुख, सफलता या असफलता हमें इस जीवन में मिलती है, वह हमारे ही पिछले कर्मों का असर है.
चाणक्य यह भी कहते हैं कि अगर किसी के जीवन में कठिनाइयां आती हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि आपका भाग्य खराब है .बल्कि यह उसके पिछले कर्मों का फल है, जिसे उसे अब भुगतना या सुधारना है.
आर्थिक स्थिति
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति जन्म से पहले ही तय होती है. इसका मतलब यह है कि किसी के जीवन में कितना धन, संपत्ति या सुख-सुविधा आएगी, यह पहले से निर्धारित होती है. लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि मेहनत करना बेकार है.
चाणक्य हमें यह सिखाते हैं कि भाग्य और परिश्रम दोनों का संतुलन ही सच्ची सफलता देता है. अगर केवल भाग्य से सब कुछ मिलता, तो कोई मेहनत न करता और अगर केवल मेहनत से ही सब कुछ होता तो हर व्यक्ति अमीर होता. इसलिए जीवन में संतुलन जरूरी है. मेहनत करते रहो लेकिन भाग्य के लिखे को भी स्वीकार करो.
शिक्षा और ज्ञान
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति की बुद्धि, समझ और सीखने की क्षमता जन्म से पहले ही तय होती है. किसी के पास गहरी सोचने की शक्ति होती है, तो किसी के पास जल्दी सीखने की क्षमता यह सब प्रकृति पहले से निर्धारित कर देती है. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि मेहनत और लगन बेकार है.
चाणक्य बताते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति में एक अनोखी प्रतिभा छिपी होती है, जिसे पहचानकर और सही दिशा में प्रयास करके वह अपने ज्ञान को और बढ़ा सकता है. अगर सही मार्गदर्शन, धैर्य और निरंतर सीखने की इच्छा हो, तो व्यक्ति अपनी सीमाओं से भी आगे बढ़ सकता है.
मृत्यु
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मृत्यु का समय भी मनुष्य के जन्म से पहले ही तय होता है. कब, कहां और कैसे किसी की मृत्यु होगी यह कोई नहीं जान सकता. यह जीवन का वह सत्य है जिससे कोई बच नहीं सकता, चाहे वह राजा हो या साधारण व्यक्ति.
चाणक्य बताते हैं कि मृत्यु का डर ही मनुष्य को कमजोर बनाता है, लेकिन जब हम यह समझ जाते हैं कि मृत्यु निश्चित है और उसका समय पहले से तय है, तो डरने की कोई वजह नहीं बचती.