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एक बारात ऐसी भी... किसान के बेटे की शादी में 121 ट्रैक्टर से गए 300 बाराती, दूल्हा भी ट्रैक्टर चलाकर पहुंचा ससुराल

राजस्थान के जोधपुर जिले में अनोखी शादी देखने को मिली जब किसान के बेटे ओमप्रकाश मायला की बारात 121 ट्रैक्टरों पर रवाना हुई. दूल्हा खुद ट्रैक्टर चलाकर 15 किलोमीटर दूर ससुराल पहुंचा और दुल्हन पुष्पा को भी उसी ट्रैक्टर से विदा कराकर घर लाया. यह अनोखी बारात देखने के लिए आस-पास के गांवों से भी लोग उमड़े. पुराने दौर की परंपरा को निभाते हुए बारातियों को पिला चावल देकर न्योता दिया गया, जो गांव में चर्चा का विषय बन गया.

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किसान के बेटे की शादी में 121 ट्रैक्टर से गए 300 बाराती
किसान के बेटे की शादी में 121 ट्रैक्टर से गए 300 बाराती

राजस्थान के जोधपुर जिले में एक अनोखी और चर्चित शादी देखने को मिली, जब एक किसान के बेटे की बारात 121 ट्रैक्टरों पर सवार होकर दुल्हन के घर पहुंची. यह अनोखी बारात इतनी खास थी कि उसे देखने के लिए आस-पास के गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग जुट गए. गांव में चर्चा का विषय बन गई यह बारात अब सोशल मीडिया पर भी सुर्खियां बटोर रही है.

दुल्हन ट्रैक्टर से घर आई
तेजासर बरसिंगों के बास केरला गांव निवासी ओमप्रकाश पुत्र बाबूराम मायला की शादी की यह बारात जोधपुर की आऊ तहसील से धर्म सागर जेरिया गांव पहुंची. खास बात यह रही कि दूल्हा ओमप्रकाश खुद ट्रैक्टर चलाकर बारात लेकर पहुंचा और शादी के बाद दुल्हन पुष्पा को उसी ट्रैक्टर से विदा कराकर अपने घर ले गया. दूल्हा-दुल्हन के गांव के बीच 15 किलोमीटर का फासला है.

पिला चावल देकर बारात चलने का न्योता
इस खास मौके पर पुराने जमाने की परंपरा को भी जीवित किया गया. दूल्हे के परिजनों ने बताया कि पहले समय में बारात बैलगाड़ी और ऊंटों पर जाया करती थी. अब जबकि आधुनिक समय में लग्जरी कारों का चलन बढ़ गया है, उन्होंने इस बारात को खास बनाने के लिए ट्रैक्टरों को चुना. बारातियों को पारंपरिक अंदाज में पिला चावल देकर न्योता दिया गया, जो गांवों में एक विशेष परंपरा मानी जाती है.

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यह ट्रैक्टर बारात न केवल विवाह समारोह की एक यादगार घटना बन गई, बल्कि ग्रामीण संस्कृति और परंपराओं की जीवंत झलक भी दिखा गई.

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