जयपुर स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जल जीवन मिशन घोटाले में कार्रवाई करते हुए करीब ₹47.80 करोड़ की संपत्तियां जब्त की हैं. यह संपत्तियां पदमचंद जैन, महेश मित्तल, संजय बड़ाया, महेश जोशी, विशाल सक्सेना और उनके परिजनों व संबंधित फर्मों की हैं.
ईडी ने यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की है. जब्त की गई संपत्तियों में कृषि भूमि, रिहायशी फ्लैट, मकान और अन्य चल-अचल संपत्तियां शामिल हैं. ये संपत्तियां जयपुर के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं.
ईडी की जांच राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की ओर से दर्ज एफआईआर पर आधारित है. इस एफआईआर में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के महेश मित्तल और अन्य पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. इसके अलावा बाजाज नगर थाना, सीबीआई और जयपुर एसीबी ने भी तीन अतिरिक्त एफआईआर दर्ज की थीं.
अब तक ईडी ने पदमचंद जैन, महेश मित्तल, संजय बड़ाया और पीयूष जैन को गिरफ्तार किया है. 24 अप्रैल 2025 को राजस्थान सरकार के पूर्व पीएचईडी मंत्री महेश जोशी को भी हिरासत में लिया गया था.
जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने फर्जी कार्य अनुभव प्रमाणपत्र बनवाकर जल जीवन मिशन योजना के तहत ठेके हासिल किए. इस काम में उन्हें सरकारी अधिकारियों और निजी सहयोगियों का साथ मिला.