राजस्थान के अलवर जिले के नौगांवा थाना क्षेत्र के हुरू का बास शेरपुर गांव में दो समुदायों के बीच हुआ विवाद हिंसा में बदल गया. आपसी समझौते के लिए बुलाई गई पंचायत अचानक रणभूमि बन गई जब एक समुदाय के करीब 80 से 90 लोगों ने दलित परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया.
दरअसल, गांव में पहले दोनों पक्षों के बीच समझौते की बात चल रही थी. समाज के लोगों की मौजूदगी में 7 नवंबर को पंचायत बुलाई गई थी, लेकिन इसी दौरान विवाद भड़क गया. देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया और पंचायत में आए कुछ लोगों ने लाठी, डंडे और धारदार हथियार निकाल लिए.
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हथियारबंद भीड़ ने बरसाए डंडे और पत्थर
पीड़ित पक्ष के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के करीब 80–90 लोग, जिनमें हाजी इस्माइल, अजरु, रिजवान, अलीजान, मौसम और तारीफ जैसे लोग शामिल थे, हथियारों से लैस होकर पहुंचे और हमला बोल दिया. हमलावरों ने घरों पर पथराव किया, महिलाओं और जानवरों तक को नहीं बख्शा. ईश्वर चंद, दीवानचंद, अमन, मुकलेश, समोती, कविता, कृष्णा और मोनिका गंभीर रूप से घायल हुए.
पुरानी रंजिश बनी झगड़े की जड़
घटना के पीछे 2 नवंबर की एक पुरानी रंजिश बताई जा रही है. उस दिन ईश्वर चंद के बेटे पवनदीप को गांव के ही रासीद, तारीफ और ईमरान ने अपनी थार गाड़ी में जबरन उठाकर ले गए थे और उसकी मारपीट कर जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया था. इस मामले की रिपोर्ट पहले ही नौगांवा थाने में दर्ज कराई गई थी. इसी विवाद को सुलझाने के लिए पंचायत बुलाई गई थी, लेकिन मामला शांत होने के बजाय और बिगड़ गया.
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गांव में तनाव, पुलिस ने संभाला मोर्चा
हमले के बाद गांव में तनाव फैल गया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में लिया. सभी घायलों को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांवा लाया गया, जहां से कुछ को अलवर रेफर कर दिया गया. ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस देर से पहुंचती तो बड़ा हादसा हो सकता था.
पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच जारी
पीड़ित पवन पुत्र ईश्वर चंद की रिपोर्ट पर नौगांवा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने कहा कि सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. वहीं, घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे गांव में माहौल अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है.