अजमेर मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नई दिशा की शुरुआत की है. माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ. विजयलता रस्तोगी ने वर्षों के शोध के बाद यह सिद्ध किया है कि हवन के माध्यम से भी जीवाणु जनित बीमारियों का इलाज संभव है. इस शोध को पेटेंट भी मिल गया है, जिससे यह तकनीक अब मेडिकल कॉलेज के नाम पर सुरक्षित हो गई है.
डॉ. रस्तोगी ने अपने शोध में हवन सामग्री जैसे जड़ी-बूटियों और अन्य प्राकृतिक तत्वों का उपयोग किया. उन्होंने हवन से निकलने वाले धुएं का अलग-अलग जीवाणुओं पर असर देखा और पाया कि कुछ विशेष हवन सामग्री में जीवाणु-रोधी गुण होते हैं. इस धुएं के संपर्क में आने से हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं.
हवन से जीवाणु जनित बीमारियों का इलाज
इस उपचार प्रक्रिया में मरीज को एक विशेष कक्ष में रखा जाएगा. वहां हवन किया जाएगा और उसका धुआं पूरे कक्ष में फैलाया जाएगा. मरीज उस धुएं को सांस के माध्यम से ग्रहण करेगा, जिससे शरीर में मौजूद बैक्टीरिया पर असर होगा.
शोध को मिला सरकार से पेटेंट
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया ने बताया कि इस परियोजना के लिए सरकार से लाखों रुपये का बजट भी स्वीकृत हुआ है. इससे इस तकनीक को और विकसित किया जाएगा और आगे बड़े स्तर पर इस्तेमाल की योजना बनाई जा रही है.