प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश की एक चुनावी रैली में एक बार फिर राम चरित मानस के उस दोहे को दोहराया है ...राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम. इसके पहले भी कई मौकों पर पीएम मोदी इस दोहे को बोलते रहे हैं. बहुत सामान्य सी बात है राम मंदिर का काम तो हो चुका है, अब उसके उद्घाटन का दिन भी करीब आ गया है. आप इसे भारतीय जनता पार्टी की रणनीति भी कह सकते हैं. बीजेपी ने राम मंदिर के निर्माण को अपने मेनिफेस्टो में रखा था. इसलिए वो इसका श्रेय लेने की हकदार है. 5 राज्यों में चुनाव होने हैं और फाइनल 2024 का लोकसभा चुनाव भी गिनती के ही दिन रह गए हैं. इसलिए राम मंदिर को लेकर राजनीति तो होगी पर बात सिर्फ इतनी ही नहीं है.क्योंकि पीएम मोदी की बातें बहुत दूर तक संदेश दे जातीं हैं. राम मंदिर का काज तो पीएम निबटा चुके हैं, फिर भी अभी विश्राम की बात नहीं कर रहे हैं. आखिर वो कौन से और काम हैं जिनके पूरा हुए बिना पीएम मोदी खुद को विश्राम नहीं देना चाहते हैं.
पहले रामचरित मानस के प्रसंग की बात:
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास के मौके पर 2021 में फिर 2023 में BJP Foundation Day के मौके पर और अब सतना की रैली में एक बार फिर पीएम मोदी ने राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम कह कर जता दिया वो अभी विश्राम के मूड में नहीं है. उन्हें राम राज्य की स्थापना की राह में आने वाले हर रोड़े को हटाना है. हर वो काम करना है जिससे राम के काज पूरे हो सकें. रामचरित मानस में यह दोहा हनुमान जी के मुंह से निकलता है. प्रसंग यह है कि सीता का पता लगाने के लिए हनुमान भारत के अंतिम छोर से श्रीलंका के लिए प्रस्थान कर चुके हैं. रास्ते में समुद्र को पता चलता है श्रीराम के दूत हनुमान लंका की ओर जा रहे हैं.
समुद्र देवता हनुमान जी से प्रार्थना करते हैं कि वो कुछ पल विश्राम कर लें . समुद्र ने उन्हें श्रीरामजी का दूत समझकर मैनाक पर्वत से कहा कि हे मैनाक! तू इनकी थकावट दूर करने वाला बनो अर्थात् अपने ऊपर इन्हें विश्राम करने दें. हनुमानजी ने उसे हाथ से छूकर प्रणाम किया और कहा- भाई! श्री रामचंद्रजी का काम किए बिना मुझे विश्राम कहाँ? अर्थात अभी सीता का पता लगाने जा रहा हूं इसलिए रुक नहीं सकता. पर यहां तो दूसरी परिस्थितियां हैं. अब तो राम मंदिर बन चुका है . तो फिर अब पीएम मोदी के पास कौन सा काम बचा हुआ है?
राम मंदिर बनाने से बीजेपी को कितना फायदा
संघ का सपना पूरे देश में भगवा फैलाने का रहा है. नरेंद्र मोदी इसमें काफी हद तक सफल रहे हैं. फिलहाल दक्षिण के अभियान पर पार्टी मजबूती से चल रही है. नॉ़र्थ ईस्ट में भी पार्टी पहु्ंच चुकी है. दक्षिण और पूर्वोत्तर पर पूर्ण फतह पीएम मोदी और बीजेपी का तात्कालिक उद्देश्य हो सकता है. राम मंदिर इसके लिए कितना कारगर होने वाला यह देखना होगा.
राम मंदिर बनाने में बीजेपी सरकार की बहुत बड़ी भूमिका से कोई इनकार नहीं कर सकता है.भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर के लिए बहुत बड़ा आंदोलन चलाया. पूरी दुनिया में राम मंदिर आंदोलन की चर्चा हुई. पर मामला सुप्रीम कोर्ट में था. सुप्रीम कोर्ट में फैसले होने में दशकों नहीं सदियां लग जाती हैं. कोर्ट की कार्यवाही तेजी से चलती रहे यह सब बीजेपी सरकार के चलते ही संभव हो सका है. सबसे बड़ी बात यह है सुप्रीम कोर्ट के फैसले पॉजिटिव आने पर उनका इंप्लिमेंटेशन कितना मुश्किल होता है यह सभी जानते हैं. सरकार की रुचि के चलते ही सभी चीजें इतनी जल्दी होतीं चलीं गईं. अब बीजेपी इसका लाभ अगर चुनावों में लेती है तो उसमें कोई हर्ज भी नहीं है. हां यह अलग बात है कि जनता क्या समझती है. बाबरी मस्जिद गिरने के बाद तीन राज्यों में हुए चुनावों में बीजेपी वापसी नहीं कर सकी थी. राजनीति में किसी मुद्दे को कैश करना भी एक कला है. आज बैकवर्ड पॉलिटिक्स के लिए देश के सभी दल मरे जा रहे हैं पर पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह मंडल कमीशन लागू करके भी फिर दुबारा सत्ता में नहीं आ सके.
मैं आजकल जहां भी जाता हूं, वहां अयोध्या में बन रहे प्रभु राम के मंदिर की चर्चा चलती है।
— BJP (@BJP4India) November 9, 2023
पूरे देश में खुशी की लहर है।
सौभाग्य से भरे इस पावन कालखंड में मेरे मन में एक बात बार-बार आती है।
वो बात मुझे आंदोलित करती रहती है और मुझे तेज गति से दौड़ने की प्रेरणा देती रहती है।
वो बात… pic.twitter.com/Q2SC4sz7WB
फिलहाल अभी इन फ्रंट पर काम होना है
पत्रकार विनोद शर्मा कहते हैं कि नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही संघ के सपने को पूरा करने में लग गए थे . उनमें से कुछ तो पूरे हो गए हैं पर कुछ पर अभी भी काम होना है. अनुच्छेद 370 और राम मंदिर का काम तो हो चुका है. अब समान सिविल संहिता, जनसंख्या नियंत्रण , अखंड भारत और सबसे बड़ी राम राज्य की स्थापना का कार्य. इसके आगे नरेंद्र मोदी एक साथ बहुत से फ्रंट पर काम कर रहे हैं.जिनके पूरा किए बिना राम काज पूरा नहीं माना जाएगा . इनमें से कुछ खास हैं एक देश-एक चुनाव, 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी, एनआरसी-सीएए आदि.
राम मंदिर के बाद राम राज्य को सपने को पूरा करना
बीजेपी और संघ की विचारधारा का मूल मंत्र राम राज्य से निकलता रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी के सामने भी देश में राम राज्य की स्थापना का लक्ष्य है.महात्मा गांधी का सपना भी देश में राम राज्य की स्थापना ही था. राम राज्य की परिकल्पना क्या है इसे समझने के लिए राम चरित मानस पढ़ना होगा.तुलसी दास जी ने रामचरित मानस में राम राज्य का जो वर्णन किया है उसके अनुसार राम राज्य में दैहिक, दैविक और भौतिक ताप से कोई परेशान नहीं है. जनता हर तरह से सुखी और समृद्ध है.जीने का अधिकार और सुरक्षा-न्याय का अधिकार सबको मिला हुआ है.सभी नागरिक वेदों में बताई हुई नीति के अनुसार अपने अपने धर्म का पालन करते हैं.कोई सपने में भी पाप कर्म के बारे में नहीं सोचता है.कम उम्र में किसी की जान नहीं जाती है.सभी निरोग हैं और कोई दीन -दुखी और दरिद्र नहीं है.सभी पुरुष एक पत्नीव्रती हैं.स्त्रियां भी मन-वचन और कर्म से अपने पति का हित करने वाली हैं.