तेजस्वी यादव के एक इंटरव्यू की काफी चर्चा है. चर्चा इसलिए है क्योंकि उनसे आने वाले बिहार चुनाव में महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सवाल पूछा गया था.
तेजस्वी यादव ने जवाब भी दिया, लेकिन थोड़ी देर लगा दी. जवाब वैसे नहीं दिये, जैसे बाकी सवालों के जवाब तपाक से देते जा रहे थे - और तभी एनएनआई पॉडकास्ट की होस्ट ने तेजस्वी यादव को टोक भी दिया.
4-5 सेकंड ही सही, तेजस्वी के अटक जाने के कारण एक बारगी तो ऐसा लगा जैसे तस्वीर वास्तव में उतनी साफ नहीं हैं, जितनी होनी चाहिये - और ये भी लगा कि कांग्रेस तो यूं ही बदनाम हो रही है, लोचा तो कहीं और ही है.
ये सब ऐसे दौर में हो रहा है जब राष्ट्रीय जनता दल के हाल ही में हुए एक कार्यक्रम में लालू यादव ने डंके की चोट पर कार्यकर्ताओं से कहा कि तेजस्वी यादव को हर हाल में बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनाना है. और, महागठबंधन के अन्य साथी भी सरेआम कहते फिर रहे हैं कि किसी को शक-शुबहे नहीं होने चाहिये, क्योंकि चुनाव जीतने की स्थिति में मुख्यमंत्री तो तेजस्वी यादव ही बनेंगे.
जब सब ठीक ही है, तो समस्या कहां आ रही है. अगर लालू यादव ने पूरी ताकत झोंक रखी है, गठबंधन के साथियों के सामने भी तस्वीर साफ है, तो दिक्कत कहा हैं - आखिर किस बात का संकोच रहा कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे के सवाल पर तेजस्वी यादव इंटरव्यू में कुछ पल के लिए अटक गये?
तेजस्वी यादव के रास्ते में कोई रुकावट है क्या?
पटना के ज्ञान भवन में राष्ट्रीय जनता दल की राज्य परिषद की एक बैठक हुई थी. बैठक में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कार्यकर्ताओं की हौसलाअफजाई के साथ साथ आगाह करने की भी कोशिश की. सबको बता भी दिया, चुनाव नजदीक हैं, और पार्टी उसी को टिकट देगी जो जमीनी स्तर पर मेहनत करेगा.
बैठक में ही लालू यादव ने ये भी ऐलान किया कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बने रहेंगे. बोले, 'अब समय है… आरएसएस और नीतीश कुमार को सत्ता से हटाकर जनता की सरकार बनाने का.'
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा था, और महागठबंधन का प्रदर्शन भी काफी अच्छा रहा. तब सिर्प एक ही कमी थी, लालू यादव की चुनावों में गैरमौजूदगी. क्योंकि, लालू यादव चारा घोटाले में मिली सजा के तहत रांची जेल में बंद थे.
अब जबकि हालात ज्यादातर आरजेडी के पक्ष में हैं, तेजस्वी यादव के मन में आखिर किस बात को लेकर कन्फ्यूजन है. वो तो अचानक पूछे जाने वाले सवालों के लिए भी तैयार रहते हैं, फिर महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा के बारे में पूछे जाने पर किस संकोच में पड़ गये थे?
तेजस्वी यादव ने जो जवाब दिया है, उसमें भी कोई ऐसी बात नहीं है जिस पर विचार किया जाना हो - देखा जाये तो, अब तक बस एक ही रुकावट है, और वो ये कि कांग्रेस ने साफ तौर पर औपचारिक रूप से ये नहीं कहा है कि तेजस्वी यादव ही बिहार चुनाव में महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे. एएनआई पॉडकास्ट में कुछ देर रुकने के बाद जो जवाब दिया, वो भी थोड़ा चौंकाने वाला ही था.
तेजस्वी यादव ने कहा, सब कुछ पहले से तय है… स्ट्रैटेजी के हिसाब से काम होगा… समय आएगा तब बताएंगे.
जब सब कुछ पहले से ही तय है, तो तेजस्वी यादव को कुछ सेकंड के लिए पॉज क्यों लेना पड़ा? ऐसी नौबत तो तब आती है, जब कुछ भी पहले से तय नहीं होता. किसी मुद्दे पर आम सहमति बनाने की कोशिश चल रही होती है.
मान लेते हैं कि सब कुछ पहले से तय है, लेकिन तेजस्वी यादव का जवाब तो कनफ्यूजन पैदा कर रहा है. क्या पहले से तय किसी चीज के बारे में पूछे जाने पर जवाब देने में समय लगता है?
निश्चित तौर पर तेजस्वी यादव ने पॉलिटिकली करेक्ट जवाब दिया है, लेकिन सुनने वाले के मन में एक सवाल तो छोड़ ही दिया है.
महागठबंधन के नेता तो हैं ही तेजस्वी
पॉडकास्ट में तेजस्वी यादव से ये सवाल भी हुआ कि मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के सामने जब उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की बात रखी थी, तब भी बात नहीं बनी.
तेजस्वी यादव का जवाब था कि ऐसा कुछ नहीं है, ये केवल धारणा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन सबसे पुराना है, इसलिए लोग उसे तोड़ने में लगे रहते हैं.
महागठबंधन में कांग्रेस के साथ ही सीपीआई (एमएल) लिबरेशन भी शामिल है, और पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य कहते हैं, ये बिहार के लिए कोई सवाल नहीं है… तेजस्वी यादव पिछली बार भी चेहरा थे… दो-दो बार उपमुख्यमंत्री रहे हैं… वो सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी के नेता हैं, लोगों के मन में कोई सवाल नहीं है.
देखें तो, कांग्रेस ने भी कभी इस बात से इनकार नहीं किया है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता नहीं हैं. हां, मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सवाल कांग्रेस नेता टाल जाते हैं. मामला बस इसी बात पर अटका हुआ है कि कांग्रेस नेता दीपांकर भट्टाचार्य की तरह खुलकर नहीं कह रहे हैं कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं.
सवाल उठने पर कांग्रेस नेता ये भी याद दिलाते हैं कि तेजस्वी यादव ही बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी हैं, ये पूछते ही वे टाल-मटोल करने लगते हैं.