बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने तारापुर विधानसभा में अपनी रैली के दौरान वहां की जनता से अपील की थी कि 'आप लोग बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को वोट देकर चुनाव जिताइये. अगर सम्राट चौधरी जीत गए तो मोदी जी इनको बहुत बड़ा आदमी बनाएंगे.' शाह के इस बयान के बाद यह समझा जाने लगा था कि सम्राट चौधरी बिहार के सीएम बन सकते हैं .दरअसल इसके पहले अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय को भी इसी तरह का आशीर्वाद दिया था जो बाद में फलित होते देखा गया था.
सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम और विधानमंडल दल का नेता बनाने का ऐलान कर पार्टी ने साबित कर दिया किअमित शाह ने जो कहा वो करके दिखाया.पर बात इतनी आसान नहीं है. जितनी हम समझ रहे हैं. क्योंकि विधानसभा चुनावों के प्रचार-प्रसार के बीच एक दौर ऐसा भी आया कि सम्राट चौधरी पार्टी की कमजोर कड़ी बन सकते हैं. जिस तरह जनसुराज पार्टी के फाउंडर प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी के आयु प्रमाणपत्र और कई ऑपराधिक घटनाओं में उनका नाम जोड़ा था उससे लगा था कि अब सम्राट चौधरी के सूरज पर ग्रहण लग सकता है.
यूपी में 2027 का विधानसभा चुनाव
बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रमुख OBC चेहरे सम्राट चौधरी की हालिया तारापुर जीत ने न केवल बिहार में NDA की पकड़ मजबूत की है, बल्कि उत्तर प्रदेश (यूपी) के 2027 विधानसभा चुनावों के लिए भी रणनीतिक महत्व पैदा कर दिया है. सम्राट, जो कुशवाहा (कोयरी) समुदाय से हैं, बीजेपी के लिए OBC एकीकरण का प्रतीक बने हुए हैं. यूपी में जहां OBC वोटर (करीब 40%) चुनावी समीकरण तय करते हैं, वहां सम्राट का प्रभाव बिहार से सीमावर्ती इलाकों के जरिए फैल सकता है.
यूपी में कुशवाहा समुदाय (करीब 8-10%) BJP का मजबूत वोट बैंक है, लेकिन 2022 चुनावों में SP ने PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले से कुछ हिस्सा छीन लिया. सम्राट चौधरी, जो बिहार में BJP के OBC चेहरे के रूप में उभरे हैं, यूपी के कुशवाहा वोटरों को बिहार की सफल OBC रणनीति का उदाहरण बनाकर आकर्षित कर सकते हैं. उनकी 2025 तरापुर जीत (1,22,480 वोटों से) OBC एकीकरण का प्रमाण है, जो यूपी के पूर्वांचल (गोरखपुर, देवरिया) जैसे इलाकों में काम आएगी.
BJP ने केशव प्रसाद मौर्य (DCM) को इसी तरह इस्तेमाल किया. यही कारण रहा कि बिहार में पर्यवेक्षक बनाकर केशव प्रसाद मौर्या को भेजा गया. सम्राट को स्टार कैंपेनर बनाकर OBC सभाओं में बुलाया जा सकता है. यह SP के अखिलेश यादव पर पिछड़ी एकता तोड़ने का आरोप लगाने का हथियार बनेगा, जिससे BJP का OBC शेयर 2022 के 45% से ऊपर जाएगा.
यूपी-बिहार सीमा पर देवरिया, बलिया, गाजीपुर जैसे जिले हैं, जहां कुशवाहा और OBC वोटर बहुल हैं. सम्राट का बिहार DCM पद इन्हें 'स्थानीय हीरो' बनाएगा. 2025 बिहार चुनावों में BJP ने 56 सीटें जीतीं, जिसमें OBC सीटें प्रमुख थीं.
सम्राट को इन इलाकों में रैलियों के लिए भेजा जा सकता है, जहां वे 'एक बिहार-एक यूपी' का नैरेटिव चलाएंगे. इससे BJP का पूर्वांचल शेयर 2022 के 35% से बढ़कर 45% हो सकता है, जो 403 सीटों वाली विधानसभा में 200 से अधिक सीटें दिला सकता है.
बीजेपी में ओबीसी हिंदुत्व की राजनीति और परवान चढ़ेगी
सम्राट चौधरी BJP के 'सोशल इंजीनियरिंग' का प्रतीक हैं. 2014 में RJD से BJP में आने से लेकर 2023 में बिहार BJP अध्यक्ष बनने तक. यूपी 2027 में, जहां योगी का हिंदुत्व फोकस है, सम्राट OBC को 'सशक्तिकरण' का संदेश देकर बैलेंस करेंगे. उनकी 30 साल की राजनीतिक यात्रा (MLA, मंत्री, अध्यक्ष) यूपी के युवा OBC वोटरों को प्रेरित करेगी. BJP राष्ट्रीय स्तर पर सम्राट-मौर्य जैसे चेहरों से OBC को मोदी के 'सबका साथ' से जोड़ेगी, जो 2029 लोकसभा के लिए आधार बनेगा. कुल मिलाकर, सम्राट यूपी में BJP को 'OBC-हिंदुत्व' का मजबूत कॉम्बो देंगे.
सीएम की तरह प्रोजेक्ट करेगी बीजेपी
सम्राट चौधरी केवल डिप्टी सीएम ही नहीं हैं. वो बिहार की विधानसभा में बीजेपी विधानमंडल दल के नेता भी हैं.जबकि दूसरे डिप्टी सीएम विजय सिन्हा को विधानमंडल दल का उपनेता बनाया गया है. साफ है दोनों डिप्टी सीएम में सम्राट चौधरी को अधिक वजन दिया गया है.
इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि सम्राट को DCM बनाकर बीजेपी ने बिहार में अपना CM फेस तैयार करने का मेसेज दिया है. तरापुर जीत और विधानसभा लीडरशिप ने उन्हें मजबूत किया है. यह मेसेज विपक्ष को है कि बीजेपी नीतीश पर निर्भर नहीं है. पार्टी अपना नेतृत्व उभार रही है, जो भूतकाल में यूपी विधानसभा चुनावों के लिए अहम कड़ी साबित होंगे.
योगी का हिंदुत्व और सम्राट-केशव का OBC 'सशक्तिकरण'
बिहार में सरकार बनाने में मदद करने पर्यवेक्षक बनाकर भेजे जाने वाले चेहरों और उनकी जाति पर गौर करिए . उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और सांसद साध्वी निरंजन भारती दोनों को पार्टी ने बिहार में विधायकों से मिलने के लिए पर्यवेक्षक बना कर भेजा था. मौर्य और भारती दोनों ही समाजिक रूप से अति पिछड़े वर्ग से आते हैं.
दूसरी तरफ सम्राट चौधरी भी BJP के 'सोशल इंजीनियरिंग' का प्रतीक हैं. 2014 में RJD से BJP में आने से लेकर 2023 में बिहार BJP अध्यक्ष बनने तक. यूपी 2027 में, जहां योगी का हिंदुत्व फोकस है, सम्राट OBC को 'सशक्तिकरण' का संदेश देकर बैलेंस करेंगे. उनकी 30 साल की राजनीतिक यात्रा (MLA, मंत्री, अध्यक्ष) यूपी के युवा OBC वोटरों को प्रेरित करेगी. BJP राष्ट्रीय स्तर पर सम्राट-मौर्य जैसे चेहरों से OBC को मोदी के 'सबका साथ' से जोड़ेगी, जो 2029 लोकसभा के लिए आधार बनेगा. कुल मिलाकर, सम्राट यूपी में BJP को 'OBC-हिंदुत्व' का डेडलिएस्ट कॉम्बिनेशन देंगे. इस तरह सम्राट चौधरी यूपी 2027 के लिए BJP का 'ट्रम्प कार्ड' साबित हो सकते हैं, खासकर अगर पूर्वांचल पर फोकस बढ़े.