इंदौर-दौंड एक्सप्रेस में सवार एक वरिष्ठ नागरिक के साथ हुई काफी बड़ी चोरी के मामले को महज 48 घंटों में सुलझा लिया गया है. रेलवे सुरक्षा बल (RPF), राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) और स्थानीय अपराध शाखा (LCB) ने एक त्वरित और समन्वित अभियान में कुल ₹45 लाख की चोरी के केस को सॉल्व किया है.
यह घटना 20 जून की रात को हुई, जब इंदौर की एक 73 साल की महिला अपने पति के साथ धार्मिक भागवत समारोह के लिए लोनावला जा रही थी. उसने सुबह 7:30 बजे के आसपास लोनावला के पास ट्रेन के पहुxचने पर पाया कि उसका हैंडबैग गायब है. सोते समय उसने जो बैग अपने पास रखा था, उसमें एक हीरे का कंगन, हार, अंगूठियां, एक सोने की घड़ी, सोने की चेन और ₹50,000 नकद थे. कुल मिलाकर सारे सामान का अनुमानित मूल्य ₹40-45 लाख था.
परेशान दंपत्ति ने तुरंत भारतीय रेलवे हेल्पलाइन 139 पर संपर्क किया और जीआरपी लोनावाला में एफआईआर दर्ज कराई. तुरंत ही, आरपीएफ, जीआरपी और रेलवे अधिकारियों की कई टीमों को ट्रेन के पूरे रूट पर तैनात किया गया, जो इंदौर से दौंड तक फैला हुआ है, जिसमें देवास, उज्जैन, रतलाम, सूरत, कल्याण और लोनावाला शामिल हैं.
कई स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच करने पर, जांचकर्ताओं को एक संदिग्ध व्यक्ति मिला जो कल्याण में उतरा और स्टेशन से बाहर निकले बिना ही वहीं रुक गया. बाद में उसकी पहचान महेश अरुण घाग उर्फ विक्की के रूप में हुई, जो मुंबई के चेंबूर का एक जाना-माना आदतन अपराधी था. वह 15 दिन पहले ही जमानत पर बाहर आया था.
आगे की निगरानी से पता चला कि वह कैमरों और अधिकारियों से बचने की कोशिश कर रहा था. उसके घर पर छापेमारी के बाद चोरी किया गया सारा सामान बरामद हो गया, जिसे पीड़ितों को लौटा दिया गया. मामले का सफल समाधान मजबूत इंटर एजेंसी कॉर्डिनेशन को दर्शाता है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए भारतीय रेलवे और महाराष्ट्र पुलिस की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. अधिकारियों ने यात्रियों से सतर्क रहने तथा यात्रा के दौरान किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना रेलवे हेल्पलाइन 139 पर देने का आग्रह किया है.