नदी की तेज लहरों के सामने 65 साल की उम्र में जिंदा रहने का जज्बा जीत गया. वृद्ध महिला 18 घंटे तक तैरती रही. बहते-बहते 58 किलोमीटर दूर पहुंच गई. रात का अंधेरा और मदद का कोई आसरा नहीं. मगर, विश्वास था कि कोई न कोई बचा जरूर लेगा. खुद पर भी यकीन कि तैरना आता है, तो डूब कर नहीं मरूंगी.
यह कहानी है मूल रूप से सागर जिले के सुरखी के ग्राम हनोताकला की रहने वाली सुहागरानी की. उन्होंने बताया, "रविवार की शाम छह बजे के करीब नरसिंहपुर जिले के नर्मदा नदी के वरमान घाट पर पानी भर रही थी. तभी घाट की सीढ़ियों पर पैर फिसलने के कारण नदी में जा गिरी."
"जब मैं गिरी, तो मदद करने के लिए आस-पास कोई मौजूद ही नहीं था. पानी का बहाव तेज होने के कारण तेजी से उसमें बहती चली गई. मदद के लिए आवाज लगाई, लेकिन तब भी कोई नहीं आया." देखें वीडियो...
यूं बचाई गई सुहागरानी
रविवार शाम छह बजे नदी में बही सुहागरानी बहते-बहते करीब 58 किमी दूर निकल गईं. सोमवार सुबह रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम बोरास के नर्मदाघाट धरमपुरा पर गांव के लोग नर्मदा नदी के किनारे नहा रहे थे. तभी उनकी नजर नजर महिला पर पड़ी. उन लोगों ने तुरंत नदी से बाहर निकाला और अस्पताल लेकर पहुंचे.
सुहागरानी एकदम ठीक हैं
गांव वालों ने बताया, "हम महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. वहां डॉक्टरों ने उनकी जांच की. थोड़ी देर निगरानी में रखने के बाद उन्हें घर जाने की इजाजत दे दी. हमने पुलिस को मामले की जानकारी दी. किसी तरह उनके परिवार से संपर्क साधा गया. फिर उनके पति, बेटा और बेटियां आए और अपने साथ ले गए."
लोगों ने कहा ये नर्मदा मां का चमत्कार है
जिन लोगों ने महिला को बचाया उनका कहना है कि ये केवल मां नर्मदा का चमत्कार है. महिला की उम्र बहुत ज्यादा है. फिर भी वो नदी में डूबी नहीं. नदी की धार भी बहुत तेज है. 18 घंटे तक तैरते रहना किसी चमत्कार से कम नहीं है.