भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को "आतंकियों की बहन" बताने और उनपर बेतुकी बयानबाजी करने पर विवाद के बाद बीजेपी के मंत्री विजय शाह अब सार्वजनिक रूप से नजर आने लगे हैं. वह मंगलवार को खंडवा जिले के आदिवासी क्षेत्र खालवा में एक महिला के साथ गैंगरेप और हत्या की घटना के 9 दिन बाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे, लेकिन मीडिया से कोई बातचीत नहीं की.
कर्नल सोफिया कुरेशी को बीजेपी मंत्री विजय शाह ने "आतंकियों की बहन" बताया था और विवादित बयानबाजी की थी. इसके बाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उनपर मामला दर्ज करने का आदेश दिया. उन्होंने अपनी बयानबाजी के लिए माफी भी मांगी, लेकिन उनकी माफी स्वीकार नहीं की गई.
एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में पेश की रिपोर्ट
बताया जाता है कि विजय शाह बड़े राजनीतिक रसूख वाले आदमी हैं. जैसे कि उनके साथ बड़ा जातीय वोटबैंक जुड़ा है, और विपक्षी दलों का आरोप है कि इस वजह से उनपर एक्शन नहीं लिया गया. कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर तो दर्ज की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में मोहन यादव सरकार ने एक एसआईटी का गठन कर दिया जो उनके विवादित बयानबाजी की कथित रूप से जांच की गई. कोर्ट में एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट भी पेश कर दी.
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत दी
सुप्रीम कोर्ट ने भी बुधवार को मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को कर्नल अधिकारी सोफिया कुरैशी के खिलाफ कथित 'अभद्र टिप्पणी' के मामले में दी गई अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी थी. कुरैशी ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया को जानकारी देने वाली तीन सैन्य अधिकारियों में से एक थीं.
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एसआईटी को जांच के लिए कोर्ट ने दिया समय
सुप्रीम कोर्ट में विजय शाह के विवादित बयान मामले की एसआईटी रिपोर्ट सबमिट की गई थी. एसआईटी द्वारा पेश स्टेटस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद जांच के लिए एसआईटी को और समय दिया गया है. एसआईटी ने जांच पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय भी मांगा था. एसआईटी ने कहा कि जांच जारी है और वर्तमान में प्रारंभिक चरण में है. इसने इस बात पर जोर दिया कि कार्यक्रम में शामिल सभी प्रमुख गवाहों की गवाही दर्ज की जाएगी और उपलब्ध डिजिटल और प्रिंट मीडिया के सबूत इकट्ठे किए जाएंगे और फिर फाइनल रिपोर्ट बनाई जाएगी.