
दशहरे के मौके पर इंदौर में एक विवादास्पद आयोजन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. संस्था पौरुष द्वारा 2 अक्टूबर को रावण दहन की जगह सोनम रघुवंशी और अन्य महिलाओं के पुतले दहन की तैयारी थी. इस पर सोनम रघुवंशी की मां संगीता रघुवंशी ने आपत्ति जताई और हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
अधिवक्ता जेनिथ छबलानी ने कोर्ट में दलील दी कि किसी भी महिला का पुतला दहन करना उसके संवैधानिक और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. याचिका में कहा गया कि इस तरह का आयोजन परिवारजनों के सम्मान को भी ठेस पहुंचाता है.
सोनम रघुवंशी के पुतले के दहन पर रोक
हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सख्त निर्देश दिए कि इंदौर शहर में किसी भी संस्था द्वारा महिलाओं का पुतला दहन नहीं किया जाएगा. कोर्ट ने इंदौर कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर और थाना प्रभारी को आदेश दिया कि इस प्रकार के आयोजनों पर पूरी तरह रोक लगाई जाए.

पुलिस प्रवक्ता राजेश दंडोतिया ने बताया कि संस्था पौरुष ने खजराना थाने में आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने केवल पारंपरिक रावण दहन की अनुमति दी थी. अगर किसी ने महिलाओं का मुखौटा लगाकर पुतला दहन करने की कोशिश की तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पारंपरिक रावण दहन की अनुमति
सोनम रघुवंशी के भाई गोविंद रघुवंशी ने भी कहा कि यह आयोजन परिवार के लिए अपमानजनक है और हाईकोर्ट का फैसला सही है. इस पूरे मामले में पुलिस सतर्क हो गई है और दशहरे पर पारंपरिक रावण दहन ही किया जाएगा. हाईकोर्ट का यह आदेश महिलाओं की गरिमा और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के रूप में देखा जा रहा है.