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DAP की किल्लत से परेशान अन्नदाता... बारिश के बीच लंबी कतारों में खड़े किसान, अफसर बोले- पूरे MP में खाद की कमी

MP के गुना में हालात ऐसे हैं कि तेज आंधी और बारिश के बावजूद किसान लाइनों में खड़े हैं. पांच बोरी डीएपी खाद के लिए किसानों को 20-20 घंटे तक कतार में इंतजार करना पड़ रहा है. खाद वितरण केंद्रों पर पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधा तक उपलब्ध नहीं है.

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गुना में डीएपी खाद के लिए लाइन में लगे किसान.
गुना में डीएपी खाद के लिए लाइन में लगे किसान.

मध्य प्रदेश के गुना जिले में शुरुआती बारिश के बाद खेतों में बुवाई के लिए डीएपी खाद की मांग बढ़ गई है, लेकिन खाद की किल्लत के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खाद लेने के लिए किसानों को घंटों लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है.

हालात ऐसे हैं कि तेज आंधी और बारिश के बावजूद किसान लाइनों में खड़े हैं. पांच बोरी डीएपी खाद के लिए किसानों को 20-20 घंटे तक कतार में इंतजार करना पड़ रहा है. खाद वितरण केंद्रों पर पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधा तक उपलब्ध नहीं है.

जिले में खाद वितरण के लिए सात केंद्र बनाए गए हैं. विपणन संघ के गोदाम में केवल 15 हजार टन, यानी 30 हजार बोरी खाद उपलब्ध कराई गई थी. इस हिसाब से मात्र 6 हजार किसानों को ही डीएपी मिल पाएगी, और प्रत्येक केंद्र पर 800-850 किसानों को ही खाद उपलब्ध हो सकेगी.

डीएपी की किल्लत और लंबी कतारों में भूखे-प्यासे खड़े किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने मोहन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा-:

''यह है खाद वितरण या किसानों का अपमान?
राघौगढ़ सहित पूरे गुना जिले के किसान आज सुबह 4 बजे से लाइनों में खड़े हैं-

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न पीने का पानी,  
न धूप से बचने की छाया,  
न कोई प्रशासनिक व्यवस्था,
बस एक उम्मीद कि शायद आज टोकन मिल जाए… शायद आज खाद मिल जाए.

सरकार दावा कर रही है कि ‘खाद भरपूर मात्रा में उपलब्ध है’, तो फिर किसानों को घंटों लाइन में क्यों खड़ा होना पड़ रहा है?   असलियत यह है कि सरकार के पास खाद की पूरी मात्रा उपलब्ध नहीं है. ‘टोकन वितरण’ का बहाना बनाकर भीड़ को मैनेज करने का ढोंग किया जा रहा है.   यह टोकन वितरण नहीं, किसानों की परीक्षा है. यह उनकी सहनशीलता का उपहास है. भीषण गर्मी में किसान लाइन में खड़ा है,
क्योंकि उसे आगामी फसल के लिए खेत तैयार कर बुवाई भी करनी है.   क्या यही है किसान सम्मान? क्या यही है ‘डबल इंजन’ की कार्यशैली?   किसानों को अब भाषण नहीं, समाधान चाहिए. सम्मान चाहिए—और तुरंत चाहिए.''

किसानों का बयान
किसानों ने बताया कि सुबह 4 बजे से लाइन में खड़े हो जाते है. कई घंटे तक खड़े रहने के बाद केवल 5 बोरी खाद ही मिल पा रहा है. इतने खाद से खेत में पूर्ति नहीं हो पाएगी.

पूरे प्रदेश में खाद की कमी: कृषि अधिकारी
 
कृषि अधिकारी अशोक उपाध्याय ने बताया कि खाद की कमी पूरे प्रदेश में है. खाद के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया है. जल्द ही एक और रैक खाद गुना आने वाली है.

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