मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक दर्जन से अधिक हथियारबंद लोगों के एक समूह ने गोलीबारी करने और उसके पति को घायल करने के बाद एक महिला और उसकी दो नाबालिग बेटियों का अपहरण कर लिया. इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी. घटना शनिवार को दोपहर करीब 12.30 बजे लवकुशनगर थाना क्षेत्र के सुमेदी गांव में हुई. जहां आरोपी मोटरसाइकिल और चार पहिया वाहनों पर सवार होकर पहुंचे.
उप-विभागीय पुलिस अधिकारी नवीन दुबे ने बताया कि फिलहाल महिला और दो बच्चों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं. अधिकारी ने बताया कि पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है और उनके खिलाफ हत्या के प्रयास सहित भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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अधिकारी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने शेष आरोपियों का पता लगाने के लिए पांच विशेष टीमों का गठन किया है और सुराग देने वाले को 10000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. हमलावरों ने हरिराम पाल और उनके परिवार पर हमला किया और फिर उनकी पत्नी और उनकी 7 और 5 साल की बेटियों को बंदूक की दम पर अगवा कर लिया. अधिकारी ने बताया कि तीनों को जबरन एक एसयूवी में बैठाया गया और हवा में गोलियां चलाते हुए आरोपी फरार हो गए.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में आरोपियों को सार्वजनिक रूप से अपहरण करते हुए दिखाया गया है.इस घटना से लोगों में आक्रोश फैल गया है और विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "छतरपुर में एक महिला और उसके दो बच्चों का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया गया. आरोपियों ने गोलियां चलाईं और उन्हें जबरन कार में ले गए."
पटवारी ने यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि राज्य "अराजकता के नए रिकॉर्ड" बना रहा है. उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव, जिनके पास गृह विभाग भी है, चुप क्यों हैं. वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी घटना की निंदा की और दावा किया, "मध्य प्रदेश में कानून का कोई डर नहीं बचा है. इस तरह के फिल्मी अंदाज़ के अपराध जंगल राज की ओर इशारा करते हैं. यह बेहद चिंताजनक है."