मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में रिलीज की गई चीता फैमिली ने करीब दो महीने बाद एक बार फिर पार्क की सीमा लांघकर रिहायशी क्षेत्र में प्रवेश किया है.
सोमवार सुबह मादा चीता ज्वाला अपने तीन शावकों के साथ वीरपुर इलाके के सीखेड़ा और मुंडापुरा गांवों के पास पहुंच गई. उसने अपनी और शावकों की भूख मिटाने के लिए एक गाय का शिकार भी किया. चीता परिवार वीरपुर थाने के पास वाली पुलिया पार कर इलाके में घूम रहा है.
चीतों की गतिविधियों से ग्रामीणों में अफरातफरी का माहौल है, वहीं वन विभाग की ट्रैकिंग टीम उन पर निगरानी बनाए हुए है. जंगल से निकलकर रिहायशी क्षेत्र में घूम रहे चीतों के वीडियो भी सामने आए हैं.
बताया जा रहा है कि चीता ज्वाला अपने शावकों के साथ रविवार रात कूनो नेशनल पार्क से निकली थी. पार्क प्रबंधन को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, उसने आसपास के ग्रामीण इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया. ग्रामीण रविवार रात से ही सतर्क हैं और टॉर्च की रोशनी में चीतों पर नजर रख रहे हैं. मवेशियों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों ने समूह बनाकर रातभर पहरा दिया.
ग्रामीणों के अनुसार, चीते पहले भी गांव के पास आ चुके हैं, लेकिन इस बार उनकी संख्या अधिक है. वन विभाग ने ग्रामीणों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि चीते इंसानों पर हमला नहीं करते. ग्रामीणों से किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत वन विभाग को देने को कहा गया है.
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर. थिरुकुराल ने aajtak को फोन पर बताया, "हम चीतों की लोकेशन साझा नहीं करते. चीते लोगों पर हमला नहीं करते. हमारी ट्रैकिंग टीमें उन पर निगरानी बनाए हुए हैं."
बता दें कि मादा चीता ज्वाला और उसके शावकों को 21 फरवरी को खजूरी क्षेत्र के जंगल में छोड़ा गया था. यह चीता परिवार 23 मार्च को भी कूनो नेशनल पार्क से निकलकर वीरपुर इलाके में पहुंच गया था, जहां ग्रामीणों ने चीतों पर लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया था. इस घटना के हैरान करने वाले वीडियो भी सामने आए थे. हालांकि, मौके पर मौजूद वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने ग्रामीणों से चीतों से दूर रहने को कहा था, लेकिन वे नहीं माने.
पता हो कि कूनो नेशनल पार्क में कुल 29 चीते मौजूद हैं, जिनमें से 16 चीते खुले जंगल में स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं. दो नर चीतों को हाल ही में गांधी सागर अभयारण्य में शिफ्ट किया गया है.