राजधानी भोपाल में उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाते हुए एक रेस्टोरेंट को ग्राहक से पानी की बोतल पर एक रुपए जीएसटी लेने के मामले में 8000 रुपए चुकाने के आदेश दिए हैं.
मामला अक्टूबर 2021 का है. भोपाल के एक रेस्टोरेंट में ऐश्वर्या ने अपने दोस्तों के साथ खाना खाया था. जब बिल आया, तो उसने देखा कि पानी की बोतल पर एमआरपी 20 रुपए लिखी थी, जबकि बिल में 29 रुपए लिए गए थे. इन 29 रुपए में एक रुपए की जीएसटी भी शामिल थी.
जब रेस्टोरेंट के स्टाफ से इसकी शिकायत की गई, तो उन्होंने बताया कि सभी चार्जेस वैध और नियमों के अनुरूप हैं, इसलिए इसमें कोई छूट नहीं दी जा सकती. इसके बाद मामला उपभोक्ता फोरम में पहुंचा, जिस पर 4 साल बाद अब फैसला आया है.
ऐश्वर्या के वकील प्रतीक पवार ने 'आज तक' से बात करते हुए बताया कि उनके पक्षकार से पानी की बोतल के लिए 29 रुपए वसूले गए, जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई थी. उन्हें बताया गया कि इसमें एक रुपये जीएसटी शामिल है.
उपभोक्ता फोरम में रेस्टोरेंट के वकील ने दलील दी कि नियमों के तहत उन्हें सिटिंग, एयरकंडीशनिंग, या ऑन-टेबल सर्विस जैसी सुविधाओं के लिए एमआरपी से अधिक चार्ज करने का अधिकार है. लेकिन उपभोक्ता फोरम ने अपने फैसले में कहा कि पानी की बोतल की एमआरपी में जीएसटी पहले से शामिल होती है, इसलिए अलग से जीएसटी लेना वैध नहीं है और यह सेवा में कमी दर्शाता है.
फैसले में उपभोक्ता फोरम ने रेस्टोरेंट को एक रुपए की जीएसटी राशि ग्राहक को वापस करने के निर्देश दिए. साथ ही, ग्राहक को हुए मानसिक कष्ट और सेवा में कमी के लिए 5000 रुपए और मुकदमे की कानूनी लागत के रूप में 3000 रुपए भी रेस्टोरेंट को चुकाने होंगे. इस तरह, महज एक रुपए के जीएसटी ने रेस्टोरेंट को 8000 रुपए का भुगतान करने पर मजबूर कर दिया.