जिन अर्थों में हिंदी कविता में राजनीतिक कविता की शिनाख्त और पड़ताल होती रही है उन अर्थो से बहुत अलग हैं नंद चतुर्वेदी की कविताएं. वे लोहियावादी समाजवादी विचारों के समर्थक जरूर रहे पर विचारधारा को लेकर किसी तरह के रेजीमेंटेशन के शिकार नहीं हुए.
साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित छह दिवसीय साहित्योत्सव 2022 के आखिरी दिन कवि अरुण कमल ने कहा कि सामूहिकता हमारी निजता को प्रभावित नहीं करती लेकिन सार्वजनिकता हमारी निजता का हनन है. अतः इसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है.
साहित्य अकादेमी के साहित्योत्सव के 5वें दिन का मुख्य आकर्षण शशि थरूर का संवत्सर व्याख्यान, ट्रांसजेंडर कवि सम्मिलन और मीडिया और साहित्य विषय पर परिसंवाद रहा.
साहित्य अकादेमी के साहित्योत्सव के चौथे दिन संस्कृत विद्वान, दार्शनिक एवं आध्यात्मिक गुरु जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य को साहित्य अकादेमी के सर्वोच्च सम्मान महत्तर-सदस्यता से सम्मानित किया गया.
हमारी प्राचीन नाट्य परंपरा तो श्रेष्ठ थी ही लेकिन आधुनिक रंगमचं परंपरा में भी विशिष्टता के सूत्र निहित हैं.
साहित्योत्सव 2022 के दौरान कमानी सभागार में आज साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2021 अर्पण समारोह सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित रचनाकारों को पुरस्कृत किया गया.
साहित्य अकादेमी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला साहित्योत्सव इस वर्ष 10 मार्च से 15 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है.