भारत की राजधानी नई दिल्ली एक बार फिर साहित्य, संगीत और कला के रंगों से सराबोर होने जा रही है. 21 से 23 नवंबर 2025 तक 'साहित्य आजतक 2025' का भव्य आयोजन मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में होने जा रहा है, जहां शब्दों की महक, सुरों की मिठास और विचारों की गूंज एक साथ सुनाई देगी. देश का सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित Literature & Live Music Festival ‘साहित्य आजतक’ हर साल की तरह इस बार भी अपने दर्शकों के लिए लेकर आ रहा है रचनात्मकता, मनोरंजन और चिंतन का अद्भुत संगम.
'साहित्य आजतक 2025' सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह भारत की भाषा, कला और विचार की परंपरा का जीवंत उत्सव है. तीन दिनों तक चलने वाला यह आयोजन कवियों, लेखकों, शायरों, गायकों, कलाकारों और विचारकों को एक मंच पर लाएगा, जहां न सिर्फ उनके शब्द गूंजेंगे, बल्कि उनकी भावनाएं भी दिलों को छुएंगी. इस महोत्सव का उद्देश्य साहित्य को किताबों से निकालकर जनता तक पहुंचाना, ताकि भाषा, कविता, संगीत और चिंतन हर पीढ़ी के जीवन का हिस्सा बने.
तीन दिनों तक चलने वाला यह आयोजन नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित होगा. 'साहित्य आजतक 2025' में कविता, संगीत, नाटक, विचार-विमर्श, शायरी और लाइव परफॉर्मेंस की ऐसी झलकियां देखने को मिलेंगी, जो आपको हर पल बांधे रखेंगी.
कौन-कौन कवि और शायर देंगे प्रस्तुति
पहले दिन देशभक्ति और वीर रस की कविताओं से मंच गूंज उठेगा. देश के नामचीन कवि अपनी पंक्तियों के जरिए शौर्य, बलिदान और मातृभूमि के प्रति समर्पण का भाव जगाएंगे. वीर रस कवि सम्मेलन में कवि कर्नल वीपी सिंह, कमांडर समोद सिंह, मदन मोहन समर, कवयित्री कविता तिवारी, विनीत चौहान, मनीष मधुकर शामिल होंगे. इन कवियों के ओजस्वी शब्द दर्शकों में जोश और देशभक्ति का संचार करेंगे.

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वहीं दूसरे दिन शनिवार 22 नवंबर को मंच पर कविता की नई पीढ़ी उतरेगी, जो आधुनिक भावनाओं और सामाजिक यथार्थ को नए अंदाज में पेश करेगी. इनमें कवि स्वयं श्रीवास्तव, वरुण आनंद, अभिसार शुक्ला, मनु वैशाली, मणिका दुबे और कायनात शाहिदा अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगी. यह सत्र उन नई आवाजों का प्रतिनिधित्व करेगा, जो आज की युवा पीढ़ी के मन की बातें कविताओं के जरिए कह रही हैं- प्रेम, समाज, रिश्ते और आत्म-अभिव्यक्ति के नए रंगों के साथ.
वहीं तीसरे दिन रविवार 23 नवंबर को ग्रैंड मुशायरा होगा. मंच पर उर्दू शायरी का जादू बिखरेगा. भारत के मशहूर शायर अपने लफ़्ज़ों से शाम को एक यादगार अनुभव में बदल देंगे. इनमें शायर शकील आजमी, अजहर इकबाल, शबीना अदीब, शारिक कैफी, जुबैर अली ताबिश, अज्म शाकरी अपना कलाम पेश करेंगे. यह मुशायरा शेरो-शायरी के शौकीनों के लिए किसी जश्न से कम नहीं होगा. लफ़्ज़ों की नज़ाकत और अदायगी की खूबसूरती इस सत्र को साहित्य आजतक का मुख्य आकर्षण बनाएगी.
संगीत, विचार और संवाद का संगम
'साहित्य आजतक' के मंच पर सिर्फ कविताएं या शायरी ही नहीं, बल्कि लाइव म्यूज़िक, विचार-संवाद, नाटक और कहानी कहने की कला का भी समावेश होगा. यह एक ऐसा मंच है, जहां भाषा, धुन और विचार की अपनी जगह है. यहां आप न सिर्फ अपने पसंदीदा कवि और शायरों को सुन सकेंगे, बल्कि लेखकों, कलाकारों और विचारकों से सीधे बातचीत भी कर पाएंगे.
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तो तैयार हो जाइए 21 से 23 नवंबर 2025 तक साहित्य, संगीत और संस्कृति की इस अनोखी यात्रा का हिस्सा बनने के लिए. जहां कवि पढ़ेंगे वीरता की कविताएं, शायर पेश करेंगे अपना कलाम, और शब्दों की इस महफिल में साहित्य का जादू हर दिल को छू जाएगा.