Joe Biden diagnosed with aggressive prostate cancer: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर होने का पता चला है जो उनकी हड्डियों तक फैल गया है. इसकी जानकारी रविवार को उनके ऑफिस द्वारा दिए गए बयान में सामने आई है. बाइडेन को शुक्रवार को प्रोस्टेट कैंसर का पता चला था क्योंकि उन्होंने पिछले सप्ताह मूत्र संबंधी लक्षणों के लिए डॉक्टर को दिखाया था और उसकी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ.
जो बाइडेन को जो प्रोस्टेट कैंसर की शिकायत हुई है, वह काफी अग्रेसिव नेचर वाला है और उनका ग्लीसन स्कोर भी 10 में से 9 (ग्रेड ग्रुप 5) है. ग्लीसन स्कोर एक ग्रेडिंग सिस्टम है जिसका इस्तेमाल माइक्रोस्कोप के तहत कैंसर सेल्स की मौजूदगी के आधार पर प्रोस्टेट कैंसर की अग्रेसिवनेस का आकलन करने के लिए किया जाता है. ये 6 से 10 तक होता है, जिसमें सबसे ज्यादा स्कोर ज्यादा अग्रेसिव कैंसर का इशारा करते हैं.
कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार ग्लीसन स्कोर के अधिक होने का मतलब है कि उनकी बीमारी को 'हाई ग्रेड' के रूप में वर्गीकृत किया गया है और कैंसर कोशिकाएं तेजी से फैल सकती हैं. बताया जा रहा है कि बाइडेन और उनकी फैमिली ट्रीटमेंट के ऑपशंस पर विचार कर रहे हैं.
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के चीफ साइंटिस्ट ऑफिसर और ट्रेंड प्रोस्टेट कैंसर फिजिशियन डॉ. विलियम डाहुत ने बीबीसी को बताया, 'जो भी जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक, बाइडेन का कैंसर अग्रेसिव नेचर वाला है. सामान्य तौर पर, यदि कैंसर हड्डियों तक फैल गया है, तो हमें नहीं लगता कि इसे उपचार योग्य कैंसर माना जा सकता है. हालांकि अधिकांश रोगी शुरुआती ट्रीटमेंट में अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं वे लोग ट्रीटमेंट के साथ कई वर्षों तक जीवित रह सकते हैं. पूर्व राष्ट्रपति जैसे रोग से पीड़ित किसी व्यक्ति को लक्षणों को कम करने तथा कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करने के लिए संभवतः हार्मोनल थेरेपी दी जाती है.'
दुनिया और भारत में प्रोस्टेट कैंसर की स्थिति
प्रोस्टेट कैंसर, फेफड़ों के कैंसर के बाद, दुनिया भर में पुरुषों में दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन के मुताबिक, प्रोस्टेट कैंसर विश्व भर में पुरुषों में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है. अनुमानतः प्रतिवर्ष दुनिया भर में इसके 16 लाख नए मामले सामने आते हैं तथा 3.66 लाख मौतें होती हैं. 2020 में 14.14 लाख नए मामले सामने आए और 3.75 लाख लोगों की मौत हुई थी.
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है, जो त्वचा कैंसर के बाद दूसरे स्थान पर आता है. यू.एस. रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सी.डी.सी.) का कहना है कि हर 100 में से 13 पुरुषों को अपने जीवन में किसी न किसी समय प्रोस्टेट कैंसर हो ही जाएगा. इसका सबसे बड़ा कारक उम्र है. अमेरिका में भी हर साल लगभग 34,000 लोग प्रोस्टेट कैंसर से मरते हैं.
राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) के अनुसान, प्रोस्टेट कैंसर दिल्ली, कोलकाता, पुणे और तिरुवनंतपुरम जैसे बड़े भारतीय शहरों में पुरुषों में कैंसर का दूसरा सबसे बड़ा कारण है, बैंगलोर और मुंबई जैसे शहरों में यह कैंसर का तीसरा सबसे बड़ा कारण है.
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है. जो त्वचा कैंसर के बाद दूसरे स्थान पर आता है. प्रोस्टेट कैंसर क्या होता है, कैसे होता है, इसके लक्षण कैसे होते हैं और ट्रीटमेंट क्या होता है, इस बारे में भी जान लीजिए.
क्या है प्रोस्टेट कैंसर?
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित एक छोटी अखरोट के आकार की प्रोस्टेट ग्रंथि में विकसित होता है. यह छोटी ग्रंथि लिक्विड्स रिलीज करती है जो वीर्य के साथ मिलकर शुक्राणु को हेल्दी रखता है. अधिकांश प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और अपेक्षाकृत कम जोखिम और सीमित आक्रामकता के साथ कम ग्रेड के होते हैं. प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर धीरे-धीरे बढ़ता है.
प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित अधिकांश लोगों का ट्रीटमेंट प्रोस्टेट ग्रंथि से बाहर फैलने से पहले ही हो जाता है. इस स्टेज में यदि ट्रीटमेंट मिल जाता है तो कैंसर को खत्म किया जा सकता है. लेकिन यदि प्रोस्टेट कैंसर, प्रोस्टेट के बाहर फैलकर हड्डियों तक पहुंच जाता है तो उसका इलाज मुश्किल होता है. कैंसर जब शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैल जाता है, उसे मेटास्टेटिक (Metastatic) या मेटास्टेसाइज्ड (Metastasized) कहते हैं. जो बाइडेन के मामले में भी ऐसा ही है.
सामान्य कैंसर की तरह, प्रोस्टेट कैंसर तब बनता है जब कोशिकाएँ सामान्य से ज़्यादा तेज़ी से विभाजित होती हैं. जबकि सामान्य कोशिकाएं अंततः मर जाती हैं, कैंसर कोशिकाएँ नहीं मरती हैं. इसके बजाय, वे गुणा करके एक गांठ में बदल जाती हैं जिसे ट्यूमर कहा जाता है. जैसे-जैसे कोशिकाएं गुणा करना जारी रखती हैं, ट्यूमर के हिस्से टूट सकते हैं और आपके शरीर के अन्य भागों में फैल सकते हैं और कैंसर मेटास्टेटिक स्टेज में पहुंच जाता है.
किन लोगों होता है प्रोस्टेट कैंसर?
प्रोस्टेट कैंसर के विकास के सटीक कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ जोखिम कारक हैं जो प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं, जैसे कि उम्र, पारिवारिक इतिहास, और कुछ लाइफस्टाइल संबंधी कारक.
मायो क्लीनिक के मुताबिक, प्रोस्टेट कैंसर का संबंध उम्र से है. बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम होने लगता है. 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में होता है. हालांकि, यह किसी भी उम्र के पुरुष को हो सकता है, लेकिन 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह सबसे अधिक होता है. यदि आपके परिवार के किसी करीबी सदस्य को प्रोस्टेट कैंसर है, तो आपको प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना दो से तीन गुना अधिक होती है.
यदि आप अश्वेत या अफ्रीकी मूल के हैं तो आपको अधिक जोखिम है। आपको प्रोस्टेट कैंसर होने की अधिक संभावना है जिसके फैलने की अधिक संभावना है. पिता या भाई को 60 वर्ष की आयु से पहले प्रोस्टेट कैंसर का पता चला हो, उन्हें भी इसका जोखिम हो सकता है. प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर प्रोस्टेट कोशिकाओं के डीएनए में बदलाव के कारण होता है.
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण क्या हैं?
कुछ रिसर्चों ने धूम्रपान, प्रोस्टेटाइटिस, बीएमआई 30 से अधिक (मोटापा होना), यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) भी इसके कारण हो सकते हैं. हालांकि आपके प्रोस्टेट में होने वाली सभी वृद्धि कैंसर नहीं होतीं इसलिए ऊपर बताए हुए कोई भी लक्षण देखकर घबराएं नहीं. वह किसी और स्थिति का भी संकेत हो सकती हैं.
प्रोस्टेट कैंसर का ट्रीटमेंट?
प्रोस्टेट कैंसर का ट्रीटमेंट कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें आपकी ओवरऑल स्थिति, कैंसर का फैलाव और यह कितनी तेजी से फैल रहा है, शामिल हैं. आपके ट्रीटमेंट के आधार पर आप यूरोलॉजिस्ट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट और मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट जैसे डॉक्टर्स से संपर्क कर सकते हैं.
शुरुआत में ही यदि प्रोस्टेट कैंसर का इलाज हो जाता है तो अधिकांश प्रोस्टेट कैंसर को ठीक किया जा सकता है.
डॉक्टर्स की सलाह पर कैंसर की ग्रोथ की निगरानी के लिए आपको हर एक से तीन साल में स्क्रीनिंग, स्कैन और बायोप्सी करवानी पड़ती है. रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी में मरीज की प्रोस्टेट ग्रंथि को हटाया जाता है. यह अक्सर प्रोस्टेट कैंसर को सफलतापूर्वक समाप्त कर सकता है जो फैला नहीं है. ओपन रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी और रोबोटिक रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी के माध्यम से सर्जरी की जा सकती है.
आप प्रोस्टेट कैंसर के लिए एक अलग उपचार के रूप में या अन्य ट्रीटमेंट के साथ कॉम्बिनेशन में रेडिएशन ट्रीटमेंट ले सकते हैं. यदि कैंसर आपकी प्रोस्टेट ग्रंथि के बाहर फैल गया है, तो आपके डॉक्टर आपको स्थिति के मुताबिक, सलाह दे पाएंगे. हार्मोन थेरेपी, कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी भी समय के साथ मरीज को दी जाती हैं.
फोकल थेरेपी उपचार का एक नया रूप है जो आपके प्रोस्टेट के अंदर ट्यूमर को नष्ट कर देता है. यदि कैंसर कम जोखिम वाला है और फैला नहीं है तो आपके डॉक्टकर इसकी सलाह दी आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता इस उपचार की सिफारिश कर सकता है. इसमें उच्च-तीव्रता केंद्रित अल्ट्रासाउंड (HIFU), क्रायोथेरेपी, लेजर एब्लेशन, फोटोडायनामिक थेरेपी शामिल हैं.
प्रोस्टेट कैंसर को कैसे रखें दूर?
यदि जल्दी प्रोस्टेट कैंसर का पता लग जाए तो इसका इलाज संभव है. कुछ मामलों में, कैंसर इतनी धीमी गति से बढ़ता है कि आपको तुरंत उपचार की आवश्यकता नहीं होती है.
प्रोस्टेट कैंसर को रोकना संभव नहीं है. फिर भी, ये कदम उठाने से आपका जोखिम कम हो सकता है.नियमित रूप से प्रोस्टेट जांच करवाएं, स्वस्थ वजन बनाए रखें, नियमित रूप से 20 मिनट एक्सरसाइज करें. पौष्टिक आहार लें, तम्बाकू उत्पादों से बचें. यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इस आदत को छोडें.