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How to Strengthen Your Lower Body: पहाड़ों पर चढ़ने के लिए कैसे मजबूत करें लोअर बॉडी? सेलेब्रिटी फिटनेस कोच ने बताया

Strengthen Your Lower Body for Trekking: ट्रैकिंग के दौरान लोअर बॉडी और लोअर बैक को कैसे मजबूती दें इस बारे में सेलेब्रिटी फिटनेस कोच प्रसाद नंदकुमार शिर्के ने Aajtak.in को इंटरव्यू के दौरान बताया है.

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How to strengthen lower body: गर्मी का मौसम आ गया है और ऐसे में कई लोग लॉन्ग वीकेंड पर पहाड़ों पर ट्रैकिंग करने निकल जाते हैं. वहीं चारधाम यात्रा भी 30 अप्रैल से शुरू हो रही है तो वहां भी करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर लोग ट्रैक करके मंदिर दर्शनों के लिए जाएंगे. ये यात्रा फिजिकल रूप से भी काफी चैलेंजिंग होती है क्योंकि ऑक्सीजन की कमी और पहाड़ी रास्तों के कारण लोगों को नॉर्मल चलना भी मुश्किल होता है तो वहां तो ऊबड़-खाबड़ रास्ते से गुजरना ट्रैकिंग करनी होती है. ऐसे में आपको फिजिकली रूप से भी मजबूत होना चाहिए. वैसे तो पूरी बॉडी ही मजबूत होनी चाहिए लेकिन ट्रैंकिंग से कुछ समय पहले आपको अपनी लोअर बॉडी और लोअर बैक की मजबूती पर अधिक ध्यान देना चाहिए.

हमने ऋतिक रोशन, श्वेता तिवारी और उर्वशी रौतेला जैसे सेलेब्स को ट्रेनिंग देने वाले कोच प्रसाद नंदकुमार शिर्के से जाना कि लोअर बॉडी की मजबूती के लिए कौन से तरीके अपनाए जा सकते हैं. कोच शिर्के ने बताया, 'ट्रैकिंग के लिए लोअर बॉडी को तैयार करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि ट्रैकिंग में ज़्यादातर वज़न पैरों और हिप्स पर पड़ता है. अगर आपकी लोअर बॉडी मजबूत, लचीली और स्टैमिना से भरपूर है, तो ट्रैकिंग के दौरान थकान कम होगी और चोट लगने का खतरा भी कम रहेगा.'

यदि आप भी आने वाले समय में ट्रैकिंग पर जा रहे हैं या प्लान बना रहे हैं तो कोच शिर्के द्वारा बताई हुई प्रैक्टिसेज करना शुरू कर सकते हैं.

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एंड्यूरेंस ट्रेनिंग करें (Endurance Training)

कोच प्रसाद बताते हैं, 'एंड्यूरेंस ट्रेनिंग ट्रैकिंग पर जाने वाले लोगों को जरूर करना चाहिए. एंड्यूरेंस ट्रेनिंग यानी सहनशक्ति बढ़ाने वाली एक्सरसाइज का काम आपके शरीर की ताकत और स्टैमिना को उस लेवल पर ले जाना होता है कि आप बिना थके कोई भी फिजिकल एक्टिविटी को लंबे समय कर कर सकें. इन एक्टिविटी में ट्रैकिंग, रनिंग, साइकलिंग या लंबी दूरी की पैदल यात्रा शामिल है. आसान शब्दों में समझें तो अगर आप बिना हांफे 2–3 घंटे भी ट्रैकिंग करना चाहते हैं, तो जो ट्रेनिंग आपको वहां तक पहुंचाएगी तो वो एंड्यूरेंस ट्रेनिंग है.'

'एंड्यूरेंस ट्रेनिंग के लिए आप मॉड्युरेट (मीडियम) वेट से हाई रेप्स वाली एक्सरसाइज करें. यानी उदाहरण के लिए आप स्क्वॉट कर रहे हैं तो रेप्स अधिक यानी 20 लगाएं और वजन क्षमता से कम रखें. ऐसा करने से मसल्स की सहनशीलता बढ़ेगी. बॉडीवेट स्क्वाट्स (ज्यादा रेप्स), लंजेस, प्लैंक्स, स्टेप-अप्स, लाइट वेट्स के साथ ज्यादा रेप्स वाली एक्सरसाइज को रूटीन में शामिल करें.'

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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग पर भी फोकस करें (Strength Training)

'स्ट्रेंथ ट्रेनिंग यानी शरीर की ताकत बढ़ाने वाली एक्सरसाइज. इसका काम है, मसल्स को मजबूत बनाना, ताकत बढ़ाना और शरीर को अधिक या मीडियम वजन उठाने के लायक बनाना. दरअसल, जब आप ट्रैकिंग पर जाएंगे तो जाहिर सी बात है आपकी पीठ पर बैग होगा जिसमें जरूरत का सारा सामने होगा.'

'ऐसे में उस बैग को उठाकर ट्रैकिंग करने के लिए आपको स्ट्रेंथ की भी जरूरत होगी. इसके लिए आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें. लोअर बॉडी की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए लेग्स और लोअर बैक ममसल्स को टारगेट करें और कंपाउंड एक्सरसाइज करें. इसके लिए डेडलिफ्ट, स्क्वॉट, बैंच प्रेस, स्ट्रेट लेग डेडलिफ्ट, शोल्डर प्रेस, लंजेस, कॉफ रेज जैसी एक्सरसाइज को रूटीन में शामिल करें जो ओवरऑल बॉडी को भी अच्छा लुक देंगी.'

लोअर बैक की स्ट्रेंथ बढ़ाएं (Lower back strength)

ट्रैकिंग के दौरान बैकपैक का वजन संभालने के लिए बैग का भार सीधा लोअर बैक पर आता है. वहीं ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलते वक्त भी बैलेंस और स्टेबिलिटी के लिए लोअर बैक ही संतुलन बनाए रखता है. इसके अलावा लोअर बैक, ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग्स सभी एक साथ काम करते हैं जिसमें हिप्स और ग्लूट्स से कॉर्डिनेशन करके लोअर बैक ही सपोर्ट करता है. इसलिए लोअर बैक की मजबूती पर भी ध्यान देना जरूरी है. वेटेड एक्सरसाइज, बॉडी वेट एक्सरसाइज से लोअर बैक की स्ट्रेंथ बढ़ाई जा सकती है. डेडलिफ्ट और बैक एक्सटेंशन जैसी एक्सरसाइज से लोअर बैक को मजबूत बना सकते हैं.

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स्ट्रेचिंग और खानपान (Stretching and eating)

जब कोई ट्रैकिंग करता है तो उसकी लोअर बॉडी पर काफी अधिक लोग आता है. इससे कॉफ मसल्स, हैमस्ट्रिंग और मसल्स अधिक यूज होने के कारण सोर हो सकते हैं इसलिए समय-समय पर उनकी स्ट्रेचिंग जरूर करें. स्ट्रेचिंग करने से उनकी टेंशन रिलीज होती है और मसल्स लूज होने के कारण सोरनेस भी कम हो जाती है.

साथ ही अपनी डाइट में कैल्शियम, प्रोटीन, कॉम्प्लेक्स कार्ब और इलेक्ट्रोलाइड्स को भी शामिल करें. ताकि बॉडी को प्रॉपर न्यूट्रिशन मिल सके. डाइट और हल्की से फिटनेस रूटीन से आप ट्रैकिंग के लिए खुद को तैयार कर पाएंगे. ट्रैकिंग पर जाने से करीब 1 महीने पहले आप इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं.

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