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Children's Obesity: बच्चों का बढ़ता पेट खतरे का संकेत! नहीं दिया ध्यान तो हो सकती हैं डायबिटीज जैसी ये बीमारियां

Children's Obesity: एक नई स्टडी में पता लगा कि जिन बच्चों का पेट जल्दी बढ़ता है, उनमें 10 साल की उम्र से पहले ही ब्लड प्रेशर, सूजन और शुगर से जुड़ी दिक्कतें दिखने लगती हैं. ये सभी दिल की बीमारियों से जुड़ी हो सकती हैं.  

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बच्चों का बढ़ता है बीमारियों का संकेत? (Credit: AI )
बच्चों का बढ़ता है बीमारियों का संकेत? (Credit: AI )

क्या आपके बच्चे का पेट निकल रहा है? अगर हां और आपको लग रहा है कि ये सिर्फ और सिर्फ मोटापा है तो बता दें, हो सकता है यह सिर्फ मोटापा न हो. एक नई स्टडी में बताया गया है कि बच्चों के पेट पर चर्बी जमा होना आगे चलकर दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है. रिसर्चर्स ने देखा कि जिन बच्चों का पेट जल्दी बढ़ता है, उनमें 10 साल की उम्र से पहले ही ब्लड प्रेशर, सूजन और शुगर से जुड़ी दिक्कतें दिखने लगती हैं. ये सभी दिल की बीमारियों से जुड़ी हो सकती हैं.  

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क्या है स्टडी का दावा?
हाल ही में स्पेन के मालागा में हुई एक मेडिकल कॉन्फ्रेंस में एक स्टडी पेश की गई, जिसमें बताया गया कि जिन बच्चों के पेट पर ज्यादा चर्बी होती है, उन्हें दिल की बीमारी का खतरा जल्दी हो सकता है. यह स्टडी कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने की और उन्होंने 700 बच्चों को 10 साल तक फॉलो किया. उन्होंने बच्चों की कमर और लंबाई के रेशियो को ध्यान से देखा.

स्टडी में क्या पाया गया?
स्टडी में पाया गया कि जिन बच्चों की कमर उनकी लंबाई के मुकाबले ज्यादा बढ़ रही थी, उनमें कई हेल्थ प्रॉब्लम्स के लक्षण दिखाई दिए. इन बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर देखा गया, शरीर में सूजन के संकेत मिले और उनका इंसुलिन भी सही से काम नहीं कर रहा था. ये सभी बातें आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज और दिल की बीमारी जैसे गंभीर रोगों का कारण बन सकती हैं.  

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क्या है सेंट्रल ओबिसिटी?
सेंट्रल ओबिसिटी का मतलब है पेट के आसपास चर्बी जमा होना. यह आम मोटापे से ज्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि इससे शरीर में जल्दी बीमारियां पनप सकती हैं, जैसे डायबिटीज और दिल की बीमारी. जब चर्बी पेट के बीच वाले हिस्से में ज्यादा जमा हो जाती है, तो यह शरीर के मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर डाल सकती है और आगे चलकर हेल्थ से जुड़ी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है.

माता-पिता को क्या करना चाहिए?
बच्चों की सेहत के लिए जरूरी है कि समय-समय पर उनका हेल्थ चेकअप करवाया जाए, जिसमें उनकी कमर और लंबाई के रेशियो को भी देखा जाए. बच्चों को रोज खेलने और फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें, ताकि उनका वजन बैलेंस्ड रहे. उनके खाने में फल, सब्जी और साबुत अनाज शामिल करें और बहुत ज्यादा मीठी या पैक्ड हुई चीजें कम दें. बच्चों का रोज अच्छी नींद लेना भी जरूरी है क्योंकि अच्छी नींद उनका शरीर और दिमाग दोनों हेल्दी रखने में मदद करती है.

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