हंसना सेहत के लिए काफी जरूरी होता है, खुद को फिट रखने के लिए हमें हंसते रहना चाहिए. भागदौड़ भरी जिंदगी में आप भी अगर खुशी के पल जीना चाहते हैं तो हम आपके लिए मज़ेदार जोक्स लाए हैं जिनको पढ़कर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी.
मिंकी बहुत देर से मेडिकल स्टोर के बाहर खड़ी थी....
दुकान में ग्राहकों की भारी भीड़ थी. लड़की परेशान सी भीड़ के हटने का इंतज़ार कर रही थी.
काफी देर बाद जब भीड़ छटी तो लड़की दुकानदार के पास गई.
उसने धीरे से इधर-उधर देखकर एक परचा दुकानदार को दिया और बोली...
भाई साहब, मेरे होने वाले पति डॉक्टर हैं....
यह उनका प्रेम पत्र है, पढ़कर सुना देंगे प्लीज.
मास्टर- बेटा कोई प्यार वाली शायरी सुनाओ.
छात्र- मोटा मरता मोटी पे, भूखा मरता रोटी पे,
मास्टरजी की हैं दो बेटी और मैं मरता हूं छोटी पे.
मास्टर जी बेहोश.
टीटू - तुम ऑपरेशन कराए बिना ही हॉस्पिटल से क्यों भाग गए ?
शीटू - नर्स बार-बार कह रही थी कि डरो मत, हिम्मत रखो, कुछ नहीं होगा.. ये तो बस एक छोटा सा ऑपरेशन है.
टीटू- तो इसमें डरने वाली कौन सी बात है ? सही तो कह रही थी नर्स.
शीटू- वो मुझसे नहीं डॉक्टर से कह रही थी.
टीचर- एक तरफ पैसा, दूसरी तरफ अक्ल, क्या चुनोगे?
छात्र- पैसा.
टीचर- गलत, मैं अक्ल चुनती
छात्र- आप सही कह रही हो मैडम,जिसके पास जिस चीज की कमी होती है वो वही चुनता है.
दे थप्पड़... दे थप्पड़...
टीचर- संजू एक स्टोरी सुनाओ विद मॉरल.
संजू- मैंने उसको फोन किया वो सो रही थी.. फिर उसने मुझे फोन किया मैं सो रहा था.
मॉरल- जैसी करनी वैसी भरनी.
टीटू- आपने नर्स बहुत अच्छी रखी है, उसके हाथ लगाते ही मैं ठीक हो गया.
डॉक्टर- मैं जानता हूं.. थप्पड़ की आवाज बाहर तक आई थी.
आंटी- बेटा, शादी हो गई तुम्हारी?
लड़की- जी आंटी!
आंटी- लड़का क्या करता है?
लड़की- अफसोस करता है आंटी.
पहला कैदी- तुम्हें पुलिस ने क्यों पकड़ा?
दूसरा कैदी- बैंक लूटने के बाद वहीं बैठकर पैसे गिनने लगा तो पुलिस ने पकड़ लिया.
पहला कैदी- वहीं पर पैसे गिनने की क्या जरूरत थी?
दूसरा कैदी- वहां पर लिखा था कि काउंटर छोड़ने से पहले पैसे गिन लें, बाद में बैंक जिम्मेदार नहीं होगा.
भिखारी- साहब 10 रुपये दे दो कुछ खा लूंगा.
साहब– शर्म नहीं आती तुम्हें, सड़क पर खड़े होकर भीख मांगते हो.
भिखारी- तो क्या दफ्तर खोल लूं ?
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)