उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कैंची धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत भरी खबर है. जल्द यहां ट्रैफिक जाम की समस्या से स्थायी छुटकारा मिल सकता है. केंद्र सरकार ने बाईपास निर्माण के लिए वन भूमि हस्तांतरण को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है. इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काफी समय से प्रयासरत थे.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2023 में कैंची धाम क्षेत्र में हाईवे पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए कैंची बाईपास मोटर मार्ग निर्माण की घोषणा की थी. यह बाईपास लगभग 19 किलोमीटर लंबा होगा. इसमें एक महत्वपूर्ण सेतु का निर्माण शिप्रा नदी पर किया जाएगा.
इस प्रोजेक्ट के पहले 8 किलोमीटर के लिए 1214.71 लाख रुपये की धनराशि लोक निर्माण विभाग (PWD) को जारी की जा चुकी है. इस हिस्से का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन शेष 11 किलोमीटर मोटर मार्ग के हिस्से में वन भूमि होने के कारण इसकी प्रक्रिया में बाधा आ रही थी.
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मुख्यमंत्री धामी ने केंद्र के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से सतत संवाद किया. इसके बाद REC की बैठक में इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति मिल गई है. यह मंजूरी मिलते ही अब वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी और निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा.
हर साल बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. त्योहारों, छुट्टियों और गर्मियों में भवाली और कैंची धाम मार्ग पर भीषण जाम लग जाता है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाईपास निर्माण से न केवल कैंची धाम तक पहुंचना सुगम और सुरक्षित होगा, बल्कि स्थानीय क्षेत्रीय लोगों को भी आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी. यह प्रोजेक्ट पर्यटन, धार्मिक यात्रा और स्थानीय विकास के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है.