
उत्तराखंड के देहरादून निवासी करणदीप सिंह राणा बीते 17 दिन से लापता हैं. करणदीप मर्चेंट नेवी में सीनियर डेक कैडेट के पद पर तैनात थे. वह एक जहाज पर सवार होकर इराक से चीन की ओर जा रहे थे. इसी बीच वो 20 सितंबर को जहाज से लापता हो गए, जिसके बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.
परिवार का कहना है कि 20 सितंबर की दोपहर 2:30 बजे तक करणदीप की बात हुई थी, इसके बाद कंपनी की ओर से सिर्फ इतना बताया गया कि वे जहाज से समुद्र में गिर गए हैं. हालांकि अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है.
करणदीप की बहन और मां ने कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. न ही उनको घटना की पूरी जानकारी दी गई है. परिवार को यह आशंका है कि करणदीप के साथ अनहोनी हुई है. परिवार ने 'आजतक' को बताया कि जहाज से करणदीप के गिरने की कहानी संदिग्ध है और कंपनी ने कई अहम जानकारियां छुपाई हैं.
बहन ने बताया कि जहां पर करणदीप को आखिरी बार देखा गया था वहां से वह समुद्र में नहीं गिर सकता. उन्होंने मामले में जांच की मांग की है. राणा परिवार के अनुसार, कंपनी ने अब तक CCTV फुटेज और VDR रिकॉर्डिंग साझा नहीं की है जबकि इन्हीं रिकॉर्डिंग से साफ हो सकता है कि जहाज पर वास्तव में आखिरी वक्त पर क्या हुआ था.
कंपनी ने रखा अपना पक्ष
वहीं, कंपनी ने प्रारंभिक जानकारी में बताया है कि करणदीप फोटो खींचते समय जहाज से गिर गए थे. कंपनी के मुताबिक, चार दिन तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें श्रीलंका की कोस्ट गार्ड और हेलीकॉप्टर की मदद भी ली गई, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला.
परिवार का आरोप- ‘पूरी सच्चाई छिपाई जा रही है’
उधर, करणदीप की बहन ने कहा कि 17 दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं दी गई है. उन्होंने कहा- हर दिन हम उम्मीद करते हैं कि कोई खबर मिलेगी लेकिन कंपनी सिर्फ बहाने बना रही है. हमें लगता है कि हमारे भाई के साथ कुछ गलत हुआ है.

परिवार ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उनका कहना है कि जहाज पर हुई हर गतिविधि की पारदर्शी जांच जरूरी है ताकि करणदीप के साथ क्या हुआ, इसका सच सामने आ सके. करणदीप जिस जहाज पर तैनात थे, उसका नाम ‘MT Front Princess’ बताया जा रहा है. यह जहाज इराक से चीन के लिए रवाना हुआ था और घटना श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में हुई. परिजनों की मानें तो जहाज से करणदीप का एक जूता और कैमरा मिला था.
सरकार और प्रशासन से गुहार
परिवार ने अब केंद्रीय विदेश मंत्रालय, राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. परिवार का कहना है कि जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, वे संघर्ष जारी रखेंगे. परिवार को आस है कि जल्द ही उन्हें कोई खोज खबर मिलेगी और उनकी उथल पुथल हुई जिंदगी फिर पटरी पर आ पाएगी.