उत्तराखंड में देहरादून में हुए रोहित नेगी हत्याकांड के मुख्य आरोपियों की बुधवार देर रात मुजफ्फरनगर-मंगलौर बॉर्डर पर पुलिस से मुठभेड़ हो गई. पुलिस द्वारा पीछा किए जाने के दौरान आरोपियों ने भागने की कोशिश की, जिस पर जवाबी कार्रवाई में मुठभेड़ हुई.
मुख्य आरोपी मोहम्मद अजहर त्यागी पुत्र अब्दुल रब, निवासी मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) है. वहीं दूसरा आरोपी आयुष कुमार उर्फ सिकंदर पुत्र विजय कुमार, यूपी के शामली का बताया गया है. मुठभेड़ में अजहर त्यागी को दोनों पैरों और एक हाथ में गोली लगी है जबकि आयुष को दोनों पैरों में गोली लगी है. दोनों गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी की जा रही है.
सूत्रों के अनुसार, एक समुदाय विशेष से जुड़े होने के चलते पुलिस ने बॉर्डर क्षेत्र को अलर्ट कर दिया है, ताकि किसी भी संभावित तनाव या अवांछनीय स्थिति को रोका जा सके. पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर रही है.
इस वारदात ने न सिर्फ राजधानी देहरादून की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि जिला प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर आम जनता का गुस्सा भी सड़कों पर नजर आने लगा है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 2 जून की रात मांडुवाला के पीपल चौक पर हुई इस वारदात में बाइक सवार हमलावरों ने बोलेरो गाड़ी में बैठे रोहित नेगी पर गोली चलाई, जो सीधे उनकी गर्दन में जा लगी. उन्हें ग्राफिक एरा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने हत्या का आरोप यूपी के मुजफ्फरनगर निवासी अजहर मलिक उर्फ अजहर त्यागी पर लगाया है.
एक गाली से शुरू हुआ विवाद, जो जानलेवा बना
जानकारी के मुताबिक, रोहित के एक दोस्त की महिला मित्र को आरोपी अजहर ने फोन पर गाली दी थी. रोहित ने जब बीच में दखल देकर उसे ऐसा न करने की चेतावनी दी, तो अजहर ने देख लेने की धमकी दी. उसी रात अजहर ने बाइक से आकर रोहित को गोली मार दी.