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लॉकडाउन से उत्तराखंड में पर्यटन कारोबार ठप, व्यापारियों की बढ़ी चिंता

पहाड़ों की रानी मसूरी में होटल व्यवसाय से काफी लोगों का घर चलता है, लेकिन लॉकडाउन के चलते यहां अब पर्यटक नहीं आ रहे हैं और इसका असर सीधे उनकी आजीविका पर पड़ रहा है.

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पर्यटन नगरी उत्तराखंड में पसरा सन्नाटा (फाइल फोटो)
पर्यटन नगरी उत्तराखंड में पसरा सन्नाटा (फाइल फोटो)

  • लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड में पर्यटन व्यवसाय हुआ ठप
  • होटल व्यवसाय से जुड़े छोटे-मझले कारोबारियों की बढ़ी चिंता

उत्तराखंड पर्यटन नगरी के नाम से जानी जाती है और यहां पर लोगों का पर्यटन से ही मुख्यत: रोजगार चलता है. आमतौर पर मार्च और अप्रैल में पहाड़ों की रानी से मशहूर मसूरी शहर में पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और होटलों में जगह मिलना मुश्किल होता है. लेकिन लॉकडाउन के चलते न केवल यहां का होटल व्यवसाय ठप पड़ गया है, बल्कि छोटे और मझले व्यापारी भी संकट में आ गए हैं.

होटल व्यापारियों की मानें तो करोड़ों का नुकसान हो चुका है. अगर ऐसा थोड़े दिन और चला तो उत्तराखंड में होटल व्यवसाय ही सिर्फ 1000 करोड़ से ज्यादा के घाटे में आ जाएगा.

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है लेकिन सभी व्यवसायियों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही हैं. क्योंकि कोरोना के कहर ने पर्यटन, पर्यटक और उससे जुड़े उद्योग पर ग्रहण लगा दिया है.

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मसूरी में मार्च से ही पर्यटकों की भीड़ लग जाती थी, जो अप्रैल आते-आते बहुत ज्यादा हो जाती थी. मॉल रोड पर पैर तक रखने की जगह नहीं होती थी पर इस बार लॉकडाउन के चलते यहां की सड़कों से लेकर होटलों में सन्नाटा पसरा है.

मसूरी में होटल व्यवसाय से काफी लोगों का घर चलता है पर लॉकडाउन के चलते यहां अब कोई भी नहीं है और इसका असर सीधे उनकी आजीविका पर पड़ रहा है. न केवल होटल व्यवसाय बल्कि छोटे, मझले कारोबारी भी बड़ी मुश्किल में पड़ गए हैं और उनके सामने भी आजीविका का संकट खड़ा हो गया है.

मसूरी में होटल व्यवसाय की कमर टूट चुकी है. मार्च और अप्रैल में ही मसूरी के होटल व्यवसायी लॉकडाउन के चलते बड़े संकट से गुजर रहे हैं. उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष के मुताबिक, अकेले मसूरी में हर महीने में करोड़ों का नुकसान हो रहा है, जो आने वाले महीनों में डेढ़ गुना बढ़ जाएगा. साफ कहें तो 1000 करोड़ से ज्यादा के नुकसान का संकट सिर्फ होटल व्यवसाय पर है.

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कई लोग लीज पर होटल चलाने के लिए लेते हैं जो 25 लाख से लेकर करोड़ तक जाती है. ऐसे में उनकी समस्या ज्यादा गंभीर हो चुकी है. कई लोग होटल छोड़ चुके हैं, तो कई लोग छोड़ने की बात कर रहे हैं.

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कुल मिलाकर लॉकडाउन ने पूरे प्रदेश के कारोबारियों की कमर तोड़ कर रख दी है, जिसका सीधा असर लोगों की आजीविका के साथ ही राज्य की आर्थिक स्थिति पर पड़ता नजर आ रहा है. इसके आने वाले दिनों में नुकसान और बढ़ने के आसार हैं.

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