इस नियंत्रण के बाद यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड जौहर यूनिवर्सिटी की पांच एकड़ जमीन पर अगले पांच साल तक नियंत्रण रखेगा.
दरअसल, इसको लेकर मार्च में ही फैसला हो चुका था लेकिन लॉकडाउन के कारण आदेश जारी नहीं हो पाया था. जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर काफी विवाद होता रहा है. सुन्नी वक्फ बोर्ड का आरोप है कि ये जमीन वक्फ नंबर 157 की है, जिसे जौहर यूनिवर्सिटी की कर्ताधर्ता आजम खान ने गलत तरीके से हासिल की थी.
जानिए कैसी है आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी, जिस पर मचा है सियासी बवाल
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके परिवार पर इन दिनों काफी केस चल रहे हैं और वो लगातार कानूनी शिकंजे में हैं.
जौहर यूनिवर्सिटी आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता रहा है, जो कि उत्तर प्रदेश के रामपुर में करीब 76 हेक्टेयर जमीन पर बनी है. मार्च में इस यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर जांच शुरू हुई और योगी सरकार ने सख्ती बढ़ा दी.
आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी का कंट्रोल अपने हाथों में ले सकती है योगी सरकार
तब एक नौ सदस्यीय समिति की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जौहर यूनिवर्सिटी की कुल 78 हेक्टेयर जमीन में से 36 हेक्टेयर से ज्यादा सरकारी या सरकार से जुड़ी जमीनें हैं. इस यूनिवर्सिटी में जो पैसा लगा हुआ है उसमें 163 करोड़ रुपए में से 88 करोड़ से ज्यादा सरकारी पैसे का इस्तेमाल हुआ है.
इसी रिपोर्ट के बाद यूनिवर्सिटी को सरकार के नियंत्रण में लेने की सिफारिश की गई थी. इसी साल ये यूनिवर्सिटी धार्मिक ग्रंथ चोरी होने के मामले को लेकर सुर्खियों में रह चुकी है.