राज्यसभा के उप सभापति पी जे कुरियन को आशंका है कि सूर्यनेल्लि सामूहिक बलात्कार मामले में उनका नाम घसीटे जाने के पीछे उनके राजनीतिक विरोधियों का हाथ है जो उनकी छवि धूमिल करना चाहते हैं.
इस मामले में कुरियन का नाम तब एक बार फिर आया जब पीडित ने 29 जनवरी को नयी दिल्ली में अपने अधिवक्ता को पत्र लिखा और कुरियन के खिलाफ नए सिरे से जांच की मांग करते हुए एक पुनरीक्षण याचिका दाखिल करने की संभावना तलाशने को कहा.
खुद को पूरी तरह बेकसूर बताते हुए कुरियन ने मलयालम टीवी चैनलों से शनिवार शाम कहा कि अदालतों ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया और जांच में पाया गया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद थे. लेकिन इसके बावजूद उनका नाम फिर से घसीटने की कोशिश की गई जिसके पीछे कोई साजिश है.
कुरियन ने कहा कि इस मामले की जांच यूडीएफ और एलडीएफ सरकारों के अंतर्गत पुलिस अधिकारियों के चार दलों ने की और फिर उच्चतम न्यायालय ने उन्हें बेकसूर बताया था. ‘अगर इन जांचों में कोई खामी है तो आपको जांच अधिकारियों से बात करनी चाहिए.’
पूर्व मंत्री और लंबे समय से संसद सदस्य रहे कुरियन ने कहा कि मुख्यमंत्री उमेन चांडी, केरल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य कांग्रेस नेता पूरी तरह उनके साथ हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी में कुछ लोग उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं क्योंकि उन लोगों को लगता है कि उनकी (कुरियन की) उपस्थिति उन लोगों के भविष्य के लिए खतरा है.
कुरियन ने एक चैनल से बातचीत में कहा ‘मुझे उन लोगों के बारे में कुछ अनुमान है जो मेरे खिलाफ काम कर रहे हैं. मैं उनके नामों का खुलासा नहीं करूंगा. आगे कभी शायद मैं उनके नाम बताउं’. उन्होंने कहा ‘मैं कभी भी लड़की से नहीं मिला. अगर मैं कभी उससे मिला होता तो गलतफहमी दूर हो गई होती. मैं उसके लिए सिर्फ प्रार्थना करता हूं.’
इस बीच, पीड़ित ने शनिवार चांडी को फैक्स से एक पत्र भेज कर कुरियन के खिलाफ नए सिरे से जांच करने का आग्रह किया है. संवाददाता सम्मेलन में चांडी ने कुरियन का पक्ष लेते हुए कहा कि अदालतों से बरी किए जाने के बाद कुरियन के खिलाफ इस तरह के कदम ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ हैं.
राज्यसभा के उपसभापति से इस्तीफे की मांग करने वाले, विपक्ष के नेता वी एस अच्युतानंदन ने भी मुख्यमंत्री से मामले की जांच फिर से कराने का आदेश देने का आग्रह किया है.