यदि आप ट्वीट, मेल, ब्लॉग में अटैक, बम, ब्लास्ट और किल जैसे शब्द लिखते हैं तो इनकी वजह से अब आपको मुसीबत झेलनी पड़ सकती है. ऐसे शब्द लिखने के बाद आप पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर टिक सकती है.क्योंकि सरकार जल्द ही इंटरनेट खुफिया प्रणाली नेत्र शुरू करने वाली है.
इस सिस्टम को केंद्रीय गृह मंत्रालय फाइनल करने में लगा हुआ है. इसे सभी सुरक्षा एजेंसियां लागू करेंगी ताकि स्काइप, गूगल टॉक आदि जैसे सॉफ्टवेयर के जरिए गुजरने वाले शब्दों को पकड़ा जा सके. नेत्र निगरानी तंत्र को बनाने का जिम्मा डीरआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन) की लैब सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स के हवाले है.
कैबिनेट सचिवालय, गृह मंत्रालय, डीआरडीओ, खुपिफया ब्यूरो, सी-डॉट और सीईआरटी-इन ने हाल में इस निगरानी प्रणाली को विकसित करने की रणनीति बनाई है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस सिस्टम के लागू हो जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को संदिग्ध लोगों और संदिग्ध संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी.