देश में एक तरफ जहां लोग कोरोना वायरस की मार झेल रहे हैं तो वहीं असम के लोग बाढ़ के कहर से भी दो-चार हो रहे हैं. असम में हर साल की तरह इस बार भी बाढ़ ने लोगों के लिए समस्याएं खड़ी कर दी हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
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चाय बागानों की खुशबू महकाने वाला असम बाढ़ की त्रासदी झेल रहा है. यहां के 33 में से 30 जिले बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. असम में करीब 50 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित है. करीब 5 हजार गांव इस आपदा से परेशान है. असम को हर साल बाढ़ से जूझना ही पड़ता है. ब्रह्मपुत्र नदी अब भी गरज रही है.
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असम में हर जगह बाढ़ के कारण तबाही ही तबाही है. बाढ़ के पानी में डूबने के कारण मौत का आंकड़ा बढ़कर 81 हो चुका है. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से राज्य में बाढ़ की स्थिति पर बात की और लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की. साथ ही पीएम मोदी ने हर मुमकिन मदद का भरोसा भी दिया.
Hon'ble PM Shri @narendramodi ji took stock of the contemporary situation regarding #AssamFloods2020, #COVID19 and Baghjan Oil Well fire scenario over phone this morning.
Expressing his concern & solidarity with the people, the PM assured all support to the state.
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) July 19, 2020
असम में बाढ़ के कारण काफी नुकसान हुआ है. मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं तो वहीं फसलें तबाह हो गई हैं. बाढ़ के कारण कई जगहों पर सड़कें और पुल भी टूट गए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि धुबरी जिले में बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा 4.69 लाख से भी अधिक लोग प्रभावित हैं.
बढ़ सकती है परेशानी
वहीं मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि देश के उत्तरी और उत्तरपूर्वी हिस्सों में मानसून की सक्रियता बढ़ने से परेशानी और बढ़ सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक भारी बारिश के कारण असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है.