राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अपने बेटे विजय बैंसला के साथ भाजपा में शामिल हो गए. सोमवार को "आजतक" से बातचीत करते हुए बैंसल ने कहा कि वह गुर्जर समाज के लिए पार्टियां छोड़ते हैं और पार्टियों में शामिल होते हैं. बैंसला ने कहा कि बीजेपी में शामिल होने से पहले उनका स्थानीय स्तर के किसी नेता या फिर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से कोई बातचीत नहीं हुई थी, सीधे केंद्रीय नेताओं से बातचीत कर पार्टी में शामिल हुआ हूं.
बैंसला ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरे कहने पर 60 फीसदी गुर्जर समाज के लोग बीजेपी को वोट देंगे. बीजेपी में शामिल होने पर उठ रहे सवालों के जवाब में बैंसला ने कहा कि वह अपने बेटे विजय बैंसला के दबाव में पार्टी में शामिल नहीं हुए और ना ही कोई पद लेने के लिए शामिल हुए हैं, उन पर सौदेबाजी का लग रहा आरोप गलत है. बता दें कि बैंसला पर आरोप लग रहा है कि बेटे विजय बैंसला के राजनीतिक भविष्य के लिए वे बीजेपी में शामिल हुए हैं.
कर्नल बैंसला से जब यह पूछा गया कि आरक्षण की घोषणा तो अशोक गहलोत सरकार ने की है तो फिर बीजेपी में शामिल क्यों हुए, इसके जवाब में बैंसला ने कहा कि 5 फीसदी आरक्षण तो वसुंधरा राजे ने भी दिया था, अब आगे की लड़ाई लड़नी है, इसलिए बीजेपी में शामिल हुआ. उन्होंने बताया कि बीजेपी में शामिल होने की वजह से सरकार के साथ गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की बातचीत स्थगित हो गई है. बैंसला का कहना है कि अब गेंद केंद्र के पाले में है. वही राजस्थान सरकार से पारित कानून को नौंवी सूची में शामिल करा सकती है. लिहाजा वह बीजेपी में शामिल होकर आरक्षण को नौंवी सूची में शामिल करवाएंगे.
बीजेपी में देरी से शामिल होने के जवाब में बैंसला ने कहा कि अगर वह नामांकन से पहले शामिल होते तो इस तरह का आरोप लगता कि पार्टी में टिकट पाने के लिए शामिल हुए हैं, इससे समाज में बदनामी होती.
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