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केजरीवाल और सिसोदिया नहीं तो AAP पंजाब से किसे भेजेगी राज्यसभा? इस उद्योगपति के नाम की चर्चा

दिल्ली के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके केजरीवाल, जो फरवरी में नई दिल्ली सीट से भाजपा के प्रवेश साहिब सिंह से हार गए थे, पिछले कई हफ्तों से अरोड़ा के लिए प्रचार कर रहे थे. हालांकि इससे यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि वह राज्यसभा में अरोड़ा की जगह ले सकते हैं, लेकिन खुद केजरीवाल ने इन अटकलों पर​ विराम लगा दिया है.

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लुधियाना वेस्ट उपचुनाव में AAP के संजीव अरोड़ा की जीत के बाद पंजाब से राज्यसभा की एक सीट खाली हुई है. (Photo: X/@AAPPunjab)
लुधियाना वेस्ट उपचुनाव में AAP के संजीव अरोड़ा की जीत के बाद पंजाब से राज्यसभा की एक सीट खाली हुई है. (Photo: X/@AAPPunjab)

आम आदमी पार्टी (AAP) ने लुधियाना पश्चिम सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत हासिल की, जिस कारण राज्यसभा में एक सीट रिक्त हो गई है. दरअसल, AAP ने अपने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को लुधियाना वेस्ट सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था. पंजाब विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद संजीव अरोड़ा ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. अब राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठ रहा है कि पार्टी अरोड़ा की जगह किसे संसद के उच्च सदन में भेजेगी- अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया या पंजाब से नाता रखने वाले किसी शख्स को? इस सवाल का जवाब मिलता हुआ दिख रहा है.

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आम आदमी पार्टी उद्योगपति कमल ओसवाल (लुधियाना ओसवाल समूह) को पंजाब से राज्यसभा भेज सकती है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की बैठक में राज्यसभा उपचुनाव के लिए किसे उम्मीदवार चुना जाएगा इसकी आधिकारिक रूप से घोषणा होनी बाकी है. AAP के नेता तो यहां तक ​​चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल राज्यसभा में जाएं. कई AAP नेता पीएसी की बैठक में केजरीवाल को राज्यसभा भेजने की ​मांग उठाएंगे. हालांकि, वह राज्यसभा में जाने की अटकलों पर विराम लगा चुके हैं. 

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सूत्रों की मानें तो मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल और किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल सहित कुछ अन्य नामों पर चर्चा के बाद भी, आम आदमी पार्टी कमल ओसवाल के नाम पर विचार कर रही है. बता दें कि कमल ओसवाल और संजीव अरोड़ा दोनों रिश्तेदार हैं. आम आदमी पार्टी ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत हासिल करने के बाद संजीव अरोड़ा को इसी वर्ष राज्यसभा भेजा था. हालांकि, इस वर्ष की शुरुआत में पार्टी ने लुधियाना पश्चिम से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की, जहां मौजूदा आप विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की मृत्यु के बाद चुनाव आवश्यक हो गया था. 

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दिल्ली के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके केजरीवाल, जो फरवरी में नई दिल्ली सीट से भाजपा के प्रवेश साहिब सिंह से हार गए थे, पिछले कई हफ्तों से अरोड़ा के लिए प्रचार कर रहे थे. हालांकि इससे यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि वह राज्यसभा में अरोड़ा की जगह ले सकते हैं, लेकिन AAP  ने फरवरी में ही इस बात से इनकार कर दिया था. पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने उस समय कहा था, 'जहां तक ​​अरविंद केजरीवाल का सवाल है, पहले मीडिया ने कहा था कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे. अब कहा जा रहा है कि वह पंजाब से राज्यसभा जाएंगे. मीडिया के सूत्र बिल्कुल गलत हैं.'

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हालांकि, तब से बहुत कुछ बदल गया है, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के साथ-साथ दिल्ली नगर निगम में भी सत्ता गंवा दी है, और पार्टी अब केवल पंजाब में सत्ता में है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इस संदर्भ में, राज्यसभा सीट पर फैसला महत्वपूर्ण होने वाला है.आम आदमी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता, जो पार्टी प्रमुख के राज्यसभा में जाने के पक्ष में हैं, उन्होंने कहा, 'केजरीवाल एक ऐसे नेता हैं जिनकी राष्ट्रीय प्रासंगिकता और राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं हैं. पार्टी की सफलता के लिए उन्हें प्रासंगिक बने रहना चाहिए. उनके राज्यसभा में जाने का मतलब विपक्षी नेताओं के साथ बेहतर तालमेल होगा, जिससे उन्हें इंडिया ब्लॉक में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.'

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