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'मैं राज्यसभा नहीं जा रहा...', लुधियाना उपचुनाव में AAP की जीत के बाद अरविंद केजरीवाल ने अटकलों पर लगाया विराम

लुधियाना पश्चिम उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत, फरवरी में दिल्ली में मिली हार के बाद पार्टी के लिए एक राजनीतिक अवसर लेकर आई है. राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा के विधायक बनने के लिए इस्तीफा देने के बाद, पंजाब से उच्च सदन की एक सीट खाली हो गई है. अरविंद केजरीवाल के मना करने के बाद, अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी किसे राज्यसभा भेजती है.

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आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल. (Photo: X/@AAP)
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल. (Photo: X/@AAP)

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट किया है कि वह राज्यसभा नहीं जा रहे. लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जब AAP ने अपने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, तो यह कयास लगाए जा रहे थे कि अगर वह जीतते हैं तब अरविंद केजरीवाल उनकी जगह राज्यसभा जा सकते हैं. सोमवार को लुधियाना पश्चिम सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए और AAP के संजीव अरोड़ा ने जीत दर्ज की.

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आजतक ने AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से जब इस जीत और राज्यसभा जाने के बारे में पूछा तो उन्हों कहा, 'राज्यसभा कौन जाएगा ये पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी तय करेगी लेकिन मैं नहीं जा रहा.' लुधियाना पश्चिम उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत, फरवरी में दिल्ली में मिली हार के बाद पार्टी के लिए एक राजनीतिक अवसर लेकर आई है. राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा के विधायक बनने के लिए इस्तीफा देने के बाद, पंजाब से उच्च सदन की एक सीट खाली हो गई है. अरविंद केजरीवाल के मना करने के बाद, अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी किसे राज्यसभा भेजती है.

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लुधियाना वेस्ट से AAP के संजीव अरोड़ा जीते

दिल्ली चुनाव में हार के बाद पार्टी या केजरीवाल की ओर से उनकी योजनाओं के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. केजरीवाल अपना ज्यादातर समय पंजाब में बिता रहे थे और पार्टी का ध्यान सिर्फ उसी राज्य पर केंद्रित कर रहे थे जहां उनकी सरकार है. पंजाब में 2027 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है. संजीव अरोड़ा को 35,179 वोट मिले और वह कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु से 10,0637 वोटों से आगे रहे. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जीवन गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे. 

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2015 और 2020 में 70 में से 60 से ज्यादा सीटें जीतने वाली AAP की दिल्ली विधानसभा में संख्या 2025 में घटकर सिर्फ 22 रह गई. अरविंद केजरीवाल और उनके कुछ अहम नेता दिल्ली में अपनी सीटें हार गए. अब पार्टी राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए विकल्प तलाश रही है, जब तक कि वह किसी दूसरे राज्य में सत्ता हासिल नहीं कर लेती. संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद, छह महीने के भीतर राज्यसभा सीट को भरना होगा. चुनाव आयोग राज्यसभा उपचुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा करेगा और चुनाव कराए जाएंगे. जीतने वाला उम्मीदवार औपचारिक रूप से उच्च सदन में संजीव अरोड़ा की जगह लेगा. चूंकि AAP के पास पंजाब विधानसभा की 117 में से 94 सीटें हैं, इसलिए पार्टी के लिए राज्यसभा चुनाव केवल औपचारिकता होगी.

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गुजरात उपचुनाव में भी AAP ने जीती एक सीट 

लुधियाना पश्चिम के साथ-साथ AAP ने गुजरात की दो विधानसभा सीटों- विसावदर और कडी पर भी उपचुनाव लड़ा था. विसावदर से AAP के गोपाल इटालिया विधायक चुने गए हैं, उन्होंने 75,942 वोट हासिल किए और भाजपा के किरीट पटेल के खिलाफ 17,554 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में AAP को विसावदर सीट पर जीत मिली थी. हालांकि, उसके विधायक भूपेंद्र भयानी इस साल की शुरुआत में पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में चले गए थे. इस तरह विसावदर सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था. वैसे तो गुजरात में भाजपा 1998 से ही राज कर रही है, लेकिन विसावदर सीट पर उसने आखिरी बार 2007 में जीत दर्ज की थी.

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