पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 18 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. भगवंत मान ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्हें धरना देने और उस धरने से पैसे कमाने की आदत होती जा रही है. सीएम मान के बयान से किसान और किसान संगठन आक्रोशित हो गए. पंजाब के मुख्यमंत्री का ये बयान सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लिए गले की फांस बन गया.
सीएम मान के बयान से आक्रोशित किसानों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया. किसान जब भूख हड़ताल पर बैठ गए, सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब सरकार के मंत्री एक्टिव मोड में आ गए. आक्रोशित किसानों के मान-मनौव्वल का दौर शुरू हो गया. कई दौर की बातचीत के बाद अब पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच सहमति बन गई है.
पंजाब सरकार के कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा है कि किसानों की 13 सूत्री मांगों पर चर्चा हुई है. कहा ये जा रहा है कि सीएम भगवंत मान के बयान को लेकर पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल किसानों से माफी मांगेंगे. कृषि मंत्री धालीवाल के माफी मांगने के बाद किसानों की मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक होगी.
मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ होने वाली बैठक में किसान नेता अपनी मांगें रखेंगे. सीएम मान और किसान नेताओं की बैठक में किसानों की मांगों पर चर्चा होगी और सहमति से किसी नतीजे पर पहुंचने की कोशिश होगी. दूसरी तरफ, किसान नेताओं ने साफ किया है कि सरकार की ओर से लिखित आश्वासन मिलने पर ही वे धरना समाप्त करेंगे.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के पेड प्रोटेस्ट वाले बयान से आक्रोशित किसान नेता आमरण अनशन पर बैठ गए थे. सीएम मान ने किसानों के धरना-प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ऐसा लगता है जैसे इन्होंने धरने की तिथि कैलेंडर में पहले से ही तय कर रखी हो. कई किसान संगठन तो अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए धरना-प्रदर्शन करते हैं.