पहलगाम घटना पर अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने सरकार से पांच गंभीर सवाल पूछे हैं. TMC के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने इन सवालों का समर्थन करते हुए aajtak.in से बातचीत में कहा कि ये हर नागरिक का हक है कि वो सरकार से जवाब मांगे. आइए, जानते हैं अभिषेक बनर्जी के पांच सवाल क्या हैं और डेरेक ओ’ब्रायन का इस पर क्या बयान आया है.
अभिषेक बनर्जी ने X पर लिखा है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले को 55 दिन से ज्यादा समय बीत चुका है. यह चिंता की बात है कि हमारे लोकतंत्र में न तो मुख्यधारा की मीडिया, न विपक्ष के अन्य नेता और न ही न्यायपालिका ने इस मामले में सरकार से अहम सवाल पूछे. उन्होंने अपने सवाल भी पोस्ट किए हैं.
सीमा में सेंध और 26 लोगों की मौत
चार आतंकवादी सीमा पार करके कैसे घुस आए और उन्होंने हमला कर 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली? राष्ट्रीय सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक के लिए कौन जिम्मेदार है? इसका जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा?
खुफिया तंत्र की नाकामी और IB प्रमुख को एक्सटेंशन
अगर यह हमला खुफिया तंत्र की विफलता थी तो हमले के सिर्फ एक महीने बाद ही खुफिया ब्यूरो (IB) के प्रमुख का कार्यकाल एक साल के लिए क्यों बढ़ाया गया? उन्हें जवाबदेह ठहराने के बजाय इनाम क्यों दिया गया. इसके पीछे क्या मजबूरी है? अगर सरकार पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं (जिनमें मैं भी शामिल हूं), पत्रकारों और जजों के खिलाफ कर सकती है तो आतंकी नेटवर्क और संदिग्धों के खिलाफ इसका इस्तेमाल क्यों नहीं करती?
आतंकियों का क्या हुआ?
इस क्रूर, धर्म के आधार पर किए गए नरसंहार के लिए जिम्मेदार चार आतंकवादी कहां हैं? क्या वे जिंदा हैं या मर चुके हैं? अगर उन्हें मार गिराया गया है तो सरकार ने इसकी साफ जानकारी क्यों नहीं दी? और अगर नहीं, तो यह चुप्पी क्यों बरकरार है?
PoJK और युद्धविराम समझौते का सच
पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) को भारत कब वापस लेगा? अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि उन्होंने व्यापार के वादों के साथ भारत को युद्धविराम के लिए मनाया था. सरकार ने इस दावे का आधिकारिक जवाब क्यों नहीं दिया? 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं की अनदेखी क्यों की गई? इस समझौते के पीछे क्या कारण थे?
वैश्विक कूटनीति में दोहरा रवैया
पहलगाम हमले के बाद भारत ने 33 देशों से संपर्क किया. पिछले एक महीने में इनमें से कितने देशों ने भारत का खुलकर समर्थन किया? अगर हम सचमुच विश्व गुरु और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं तो हमले के तुरंत बाद IMF और विश्व बैंक ने पाकिस्तान को 1 अरब और 40 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता और निवेश की मंजूरी क्यों दी? बार-बार सीमा पार आतंकवाद में शामिल एक देश न केवल वैश्विक जांच से बच गया बल्कि उसे इनाम भी मिला. सबसे हैरानी की बात, हमले के एक महीने बाद पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-निरोधी समिति का उपाध्यक्ष क्यों बनाया गया?
डेरेक ओ’ब्रायन का सरकार पर तीखा हमला
TMC के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने अभिषेक बनर्जी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि किसी को तो इस सरकार को जवाबदेह ठहराने की जरूरत थी. किसी को तो सीधे सवाल पूछने थे. अभिषेक बनर्जी ने ये सवाल न सिर्फ एक सांसद के तौर पर बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में उठाए हैं. यह हर भारतीय का हक है कि वह सरकार से पारदर्शिता और जवाब मांगे.