दिल्ली की सड़कों ने शनिवार 1 फरवरी को विंटेज गाड़ियों का जलवा देखा. रैली का आयोजन अपाहिज बच्चों के प्रति जागरुकता फैलाने के उदे्दश्य से किया गया.
21 गन सैल्यूट इंटरनेशनल विंटेज कार रैली रैली का अयोजन लाल किला मैदान में किया गया था.
वर्ष 1933 मॉडल की विंटेज कार हडसन रैली में आकर्षण का केंद्र रही. यह अपने तरह की दुनिया की एकलौती कार है.
रैली में कारों के साथ ही विंटेज स्कूटर और बाईक्स ने भी दर्शकों को आकर्षित किया.
रैली में रॉल्स रॉयस और बैंटले समेत कई नामी कंपनियों की विंटेज गाड़ियों के दीदार हुए.
यह रैली लाल किला से राजघाट, इंडिया गेट, तीन मूर्ति मार्ग और धौला कुंआ होते हुए गुड़गांव पहुंची.
वर्ष 1933 में बनी इस आठ सिलेंडर वाली हडसन कार में सात लोगों के बैठने की जगह है. इस कार को नितिन डोसा ने 20 साल पहले मुंबई में एक मिल मालिक से खरीदा था.
मुंबई के निवासी नितिन बताते हैं कि अपने आठ सिलेंडर इंजन और बॉडी डिजाइन के लिए पहचानी जाने वाली यह हडसन कार अपने समय की सबसे बेहतरीन कारों में शुमार है.
21 गन सैल्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर मदन मोहन कहते हैं, 'अक्सर अपाहिज बच्चों को आयोजनों के दौरान भुला दिया जाता है, लेकिन इस बार आयोजन में वह हमारे साथ हैं.'
रैली के अंत में बच्चों के समूह को कई तरह के गिफ्ट दिए गए. इसके साथ ही उनकी मदद के लिए 5 लाख रुपये का अनुदान भी दिया गया.
रैली आयोजन के जरिए समाज में एकजुटता, आपसी तालमेल का संदेश दिया गया.
रैली में सौ से अधिक विंटेज कार, बाईक और स्कूटर का काफिला नजर आया.
दिल्ली, गुड़गांव और गाजियाबाद से बड़ी संख्या में आए लोगों ने इस रैली का लुफ्त उठाया.
21 गन सैल्यूट द्वारा इस तरह की रैली का यह चौथा अयोजन था.