समलैंगिकता को अपराध करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से GAY समुदाय में निराशा देखी गई. कोर्ट का फैसला आने के बाद समलैंगिकता के समर्थक सड़कों पर उतर आए.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अपनी मर्जी से समलैंगिक संबंध बनाने का हक लेकर रहेंगे.
प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर-बैनर थे, जिस पर लिखा था, 'मैं GAY हूं'. 'मुझे खुद के GAY होने पर गर्व है.'
समलैंगिक रिश्तों को अपराध करार दिए जाने के आदेश पर बॉलीवुड के सुपरस्टार अभिनेता आमिर खान ने भी निराशा जताई है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक रिश्तों को अपराध करार देने वाले फैसले से समलैंगिक, उभयलिंगी और किन्नर (एलजीबीटी) समुदाय और इस समुदाय का समर्थन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं में निराशा देखी गई.
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 2009 में दिए गए फैसले के उलट सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति एस.जे. मुखोपाध्याय की पीठ ने कहा कि आईपीसी की धारा 377 को बदलने की कोई गुंजाइश नहीं है.
धारा 377 के तहत दो व्यस्कों के बीच समलैंगिक रिश्ते को अपराध माना गया है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस धारा की वैधानिकता का समर्थन किया.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2009 में अपने फैसले में धारा 377 के तहत समलैंगिक रिश्ते को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया था.
सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि देश में करीब 25 लाख समलैंगिक हैं. उनमें से लगभग सात फीसदी एचआईवी से ग्रस्त हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में कहा था कि सरकार 4 लाख समलैंगिक पुरुषों को अपने एड्स नियंत्रण कार्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहती है. उनमें से 50 फीसदी पुरुषों को कार्यक्रम का हिस्सा बनाया जा चुका है.