राफेल के पायलटों को नैनोसेकंड में निर्णय लेने होते हैं. ये पायलट उड़ान के दौरान भारी गुरुत्वाकर्षण बल का सामना करते हैं. इसके लिए उन्हें शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण दिया जाता है. राफेल विमानों की हर परिस्थिति में तैनाती और उनकी मारक क्षमता को बनाए रखने में तकनीकी रख-रखाव दल की भूमिका भी होती है. देखें रिपोर्ट.