लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचार्य ने संसद और सुप्रीम कोर्ट के बीच कानून बनाने के अधिकार को लेकर चल रहे तनाव पर कहा कि न्यायिक समीक्षा संविधान के मूल ढांचे का अंग है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट कानून नहीं बनाता, बल्कि यह देखता है कि संसद द्वारा पारित कानून संविधान के अनुरूप है या नहीं, और संविधान की व्याख्या करना केवल अदालत का काम है. देखें...