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'देश के हर जिले में बनेंगे 75 अमृत सरोवर', अखिल भारतीय जल सम्मेलन में बोले PM मोदी

पीएम मोदी ने यहां कहा कि भारत ने जल सुरक्षा में बड़ी प्रगति की है. 2047 की ओर हमारी जल दृष्टि अमृत काल में एक बड़ा योगदान होगा. देश हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के लिए मिलकर काम हो रहा है. अब तक 25,000 अमृत सरोवर बन चुके हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मध्यप्रदेश के भोपाल में आयोजित अखिल भारतीय जल सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के जल मंत्रियों को संबोधित किया. इस सम्मेलन का विषय Water Vision@2047 (2047 में जलदृष्टिकोण) है. 

पीएम मोदी ने यहां कहा कि भारत ने जल सुरक्षा में बड़ी प्रगति की है. 2047 की ओर हमारी जल दृष्टि अमृत काल में एक बड़ा योगदान होगा. देश हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के लिए मिलकर काम हो रहा है. अब तक 25,000 अमृत सरोवर बन चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा "हमारी संवैधानिक व्यवस्था में, पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में आता है. जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत आगे बढ़ेंगे."

यहां पीएम मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायतें जल जीवन मिशन का नेतृत्व करें. साथ ही पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समय समय पर वाटर टेस्टिंग प्रणाली भी विकसित की जानी चाहिए. पानी की उपलब्धता के आधार पर ही प्रकृतिक खेती हो. कई जगह देखने में आया कि जहां प्रकृतिक खेती होती है वहां जल संरक्षण भी किया जा रहा है.

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पीएम मोदी ने आगे कहा “हमें जल संरक्षण के क्षेत्र में जियोसेंसिंग और जियोमैपिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करने की आवश्यकता है. जल जीवन मिशन हर घर को पानी उपलब्ध कराने के लिए एक प्रमुख विकास पैरामीटर बन गया है."  

India@2047 योजना के हिस्से के रूप में जल सुरक्षा की चुनौतियों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले सस्टेनेबिलिटी के लिए '5P' मंत्र की घोषणा की थी. '5P' ,में राजनीतिक इच्छाशक्ति, सार्वजनिक वित्त पोषण, भागीदारी, सार्वजनिक भागीदारी और अनुनय आता है.  

बता दें कि कार्यक्रम से एक दिन पहले ही पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने लिखा था कल, 5 जनवरी को प्रातः लगभग 9:45 बजे, मैं 'वाटर विजन @ 2047' विषय पर अखिल भारतीय जल मंत्रियों की बैठक में अपनी टिप्पणी साझा करूंगा. यह मंच सतत विकास और मानव प्रगति के लिए जल संसाधनों के दोहन के तरीकों पर चर्चा करने के लिए प्रमुख नीति निर्माताओं को एक साथ लाता है.

 

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