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सिक्किम से ब्रह्मपुत्र की घाटी तक बाढ़-बारिश, लैंडस्लाइड का कहर, पूर्वोत्तर में कुदरती तबाही की देखें 10 तस्वीरें

मौमस में बदलाव की वजह से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है और तीस्ता नदी में खतरनाक उफान आया है, जिससे बचाव और निकासी अभियान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बढ़ते जल स्तर और नदी की तेज़ धाराओं की वजह से कई रास्ते भी बह गए.

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त्रिपुरा के अगरतला में रविवार, 1 जून को बारिश के बीच बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बचाव कर्मी स्थानीय लोगों की सहायता करते हुए (तस्वीर: PTI)
त्रिपुरा के अगरतला में रविवार, 1 जून को बारिश के बीच बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बचाव कर्मी स्थानीय लोगों की सहायता करते हुए (तस्वीर: PTI)

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में कुदरत का क़हर देखने को मिल रहा है. सिक्किम में मूसलाधार बारिश के बाद जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. एजेंसी के मुताबिक, सूबे के उत्तरी इलाके में सैकड़ों घरेलू पर्यटक और दो विदेशी नागरिक मंगन जिले के लाचेन और लाचुंग के दूरदराज के इलाकों में फंस गए. लगातार हो रही बारिश की वजह से भूस्खलन हुआ है. 

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मौमस में बदलाव की वजह से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है और तीस्ता नदी में खतरनाक उफान आया है, जिससे बचाव और निकासी अभियान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बढ़ते जल स्तर और नदी की तेज़ धाराओं की वजह से कई रास्ते भी बह गए. अधिकारियों ने बताया कि रविवार को लगातार तीसरे दिन भी मंगन जिले में भारी बारिश जारी रहने के कारण उत्तरी सिक्किम में करीब 1,500 पर्यटक फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि खराब मौसम की वजह से दो पुल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए. 

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सिक्किम में बारिश और लैंडस्लाइड के बाद के हालात (तस्वीर: PTI)

पूर्वी सिक्किम में नीमचेन प्रेमलखा के पास भूस्खलन हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों को सतर्क रहने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है. उन्होंने बताया कि सड़क संपर्क बाधित होने की वजह से लाचेन में करीब 112 पर्यटक और लाचुंग में 1,350 पर्यटक फंसे हुए हैं. लाचुंग से चुंगथांग और चुंगथांग से थेंग सुरंग तक सड़क साफ करने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) की भारी मशीनरी तैनात की गई है.

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उत्तरी सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन के बाद मलबा हटाते हुए सीमा सड़क संगठन (BRO) के जवान (तस्वीर: PTI)

थेंग में एक बड़े भूस्खलन ने शुरू में सड़क को अवरुद्ध कर दिया था, लेकिन अब बताया जा रहा है कि जीआरईएफ कैंप के पास शिपगेयर तक इसे साफ कर दिया गया है. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि कैंप से कुछ सौ मीटर आगे एक बड़ा पत्थर अभी भी हटाया जाना बाकी है.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश की वजह से तीस्ता नदी में तेज़ बहाव के कारण द्ज़ोंगू इलाके में स्थित फ़िदांग पुल क्षतिग्रस्त हो गया. उन्होंने बताया, "नदी के बहाव ने इसके आधार को नष्ट कर दिया है, जिससे पुल की संरचनात्मक स्थिरता प्रभावित हो सकती है."

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सिक्किम के मंगन जिले में पर्यटकों को ले जा रहा एक वाहन तीस्ता नदी में गिरने के बाद बचाव कार्य (तस्वीर: PTI)

अधिकारियों ने बताया कि मंगन को चुंगथांग से जोड़ने वाला संगकालांग बेली ब्रिज भी तीस्ता नदी के बहाव के कारण आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है. एक अधिकारी ने बताया कि पुल की हालत बहुत खराब है और अब यह सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है. उन्होंने बताया कि मानसून की बारिश तेज हो गई है, जिससे तीस्ता नदी उफान पर आ गई है, जिस पर यह पुल बना हुआ है.

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कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रियंका गांधी की अपील...

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा, "असम, अरुणाचल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी बारिश से हुई मौतों का समाचार अत्यंत दुखद है. लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. ईश्वर सभी की रक्षा करें. केंद्र और राज्य सरकारों से अपील है कि राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए, जिससे लोगों को कम से कम तकलीफ उठानी पड़े. कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से भी आग्रह करती हूं कि प्रभावित लोगों की यथासंभव मदद करें."

priyanka gandhi on rain landslide

त्रिपुरा में बारिश से कई इलाके जलमग्न

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि लगातार बारिश की वजह से त्रिपुरा में भारी जलभराव हो गया, जिसके कारण एक व्यक्ति की मैनहोल में गिरने से मौत हो गई. राजधानी अगरतला में महज तीन घंटे में करीब 200 मिमी बारिश दर्ज की गई. शहर में भारी बारिश की वजह से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ, कई निचले इलाके जलमग्न हो गए और लोगों को मुख्यमंत्री माणिक साहा के आवास के सामने घुटने तक पानी में चलते देखा गया.

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अगरतला में भारी बारिश के कारण उफनती हुई हाओरा नदी (तस्वीर: PTI)

एजेंसी के मुताबिक, राजस्व सचिव बृजेश पांडे ने कहा कि पिछले 24 घंटों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण त्रिपुरा के तीन जिलों- पश्चिमी त्रिपुरा, उनाकोटी और उत्तरी त्रिपुरा में बाढ़ आ गई. उन्होंने कहा, "पश्चिम त्रिपुरा जिले में बाढ़ की स्थिति इन दोनों जिलों से भी ज्यादा गंभीर है. उनाकोटी जिले के कैलाशहर में पिछले 24 घंटों में 192 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पश्चिम जिले में इस दौरान 140 मिमी बारिश हुई." 

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अगरतला के बाहरी इलाके में बारिश के बीच बाढ़ मछली पकड़ने का जाल डालता एक शख्स (तस्वीर: PTI)

अधिकारी ने बताया, "बाढ़ के पानी में डूबे 2,800 परिवारों के 10,600 सदस्यों को निकालकर राज्य भर में 60 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. बचाव अभियान में 14 टीमें लगी हुई हैं. मुख्यमंत्री ने रविवार को पश्चिम त्रिपुरा जिले में कुछ राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रहने वालों की स्थिति देखी."

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अगरतला के बाहरी इलाके में बारिश के बीच बाढ़ प्रभावित इलाके में बचाव कार्य (तस्वीर: PTI)

मणिपुर में बारिश से बरपा क़हर

मणिपुर में बारिश के बाद पिछले 48 घंटों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य भर में 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं और 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि खुरई, हिंगांग और चेकोन इलाकों में उफनती नदी के तटबंधों को तोड़ने और उफान पर आने के बाद राज्य की राजधानी इंफाल के कई इलाके और इंफाल पूर्वी जिले के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं.

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एनडीआरएफ टीम के सदस्य, भारत के मणिपुर के इंफाल पूर्व में भारी बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल से मरीजों, परिचारकों और चिकित्सा कर्मचारियों को निकालते हुए (तस्वीर: PTI)

एक अधिकारी ने बताया कि चेकोन इलाके में इंफाल नदी के उफान पर आने के बाद ऑल इंडिया रेडियो इंफाल कॉम्प्लेक्स और सरकारी जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान सहित कई कार्यालयों, स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रतिष्ठानों के परिसर में जलभराव की खबर है. अधिकारी ने बताया कि स्थानीय क्लबों, स्वयंसेवकों, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ कर्मियों ने बाढ़ के पानी के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित महिला आर्थोपेडिक और सर्जरी वार्ड में घुसने के बाद मरीजों को स्थानांतरित करने के लिए हाथ मिलाया. उन्होंने बताया कि मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इंफाल शहर के कई जलमग्न इलाकों का दौरा किया, जबकि सेना और असम राइफल्स के जवानों ने सबसे ज्यादा प्रभावित जिले इंफाल पूर्वी में जलमग्न इलाकों से करीब 800 लोगों को बचाया.

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राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अजय भल्ला ने मुख्य सचिव पीके सिंह और अन्य सीनियर अधिकारियों के साथ इंफाल में कांगला नोंगपोक थोंग, लैरिक्येंगबाम लेइकाई और सिंगजामेई ब्रिज का दौरा किया और समग्र स्थिति का आकलन किया.

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इंफाल में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात (तस्वीर: PTI)

एक अधिकारी ने कहा, "राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के परिणामस्वरूप पिछले 48 घंटों में कम से कम 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं और 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. शनिवार शाम तक कुल 3,275 इलाके या गांव भारी बारिश की चपेट में आ गए हैं. दो लोग घायल भी हुए हैं. 64 जानवरों की मौत की खबर है."

उन्होंने बताया कि अब तक राज्य भर में कुल 12 भूस्खलन हुए हैं. इंफाल पूर्वी जिले में इरिल नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान को पार कर गया, लेकिन अभी तक तटबंधों को नहीं तोड़ा है. स्थानीय लोग और अधिकारी तटबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बाढ़ग्रस्त चेकोन और वांगखेई इलाकों में रविवार को जलस्तर कम हो गया, लेकिन खुरई और हेइंगंग निर्वाचन क्षेत्रों में स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जहां शनिवार से ही जलभराव था.

एसडीआरएफ और एनडीआरएफ यूनिट्स को भी सतर्क कर दिया गया है. लगातार हो रही बारिश को देखते हुए राज्यपाल ने इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों तथा सेनापति जिले के सेनापति उप-मंडल के स्कूलों में अगले आदेश तक गर्मी की छुट्टियां बढ़ाने का ऐलान किया है. अधिकारियों ने बताया कि व्यूलैंड कॉलोनी के पास सेनापति नदी के उफान पर आने से सेनापति जिले के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं. 

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इस बीच, लोकसभा सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने राज्यपाल से बाढ़ की स्थिति को 'राज्य आपदा' घोषित करने का आग्रह किया है. भल्ला को लिखे पत्र में अकोईजाम ने कहा कि घोषणा से वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए संस्थागत उपायों को सक्रिय करने में मदद मिलेगी.

मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष केशाम मेघचंद्र सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि जल संसाधन विभाग राज्य के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ को नियंत्रित करने में विफल रहा है. उन्होंने यह टिप्पणी पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र हीनगांग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान की. कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि विभिन्न रिटेनिंग दीवारों का निर्माण अधूरा रहने के कारण रिहायशी और कृषि क्षेत्र उफनती नदियों में डूब गए हैं.

नागालैंड में बारिश से धंसी सड़क

नागालैंड में फ़ेसामा के पास कोहिमा-माओ मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर सड़क धंसने की एक बड़ी घटना हुई, जिसके कारण प्रभावित मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया. यह घटना पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण सुबह हुई. सड़क करीब 4 फीट धंस गई है.

नागा हेरिटेज विलेज किसामा के ठीक नीचे हुए व्यवधान के मद्देनजर, कोहिमा के डिप्टी कमिश्नर बी हेनोक बुचेम ने ट्रैफिक को प्रबंधित करने और अगली सूचना तक सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यात्रा सलाह जारी की.

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यातायात प्रतिबंध और डायवर्जन लगाते हुए कोहिमा डीसी ने कहा कि मणिपुर से कोहिमा की ओर जाने वाले भारी वाहनों को खुजामा में रोका जाएगा. उन्होंने कहा कि दीमापुर से मणिपुर/दक्षिणी नागालैंड जाने वाले भारी वाहनों को सेचु जुब्जा में रोका जा रहा है.

लोगों को सख्त चेतावनी दी गई है कि वे प्रभावित क्षेत्र, विशेषकर क्षतिग्रस्त बिजली के खंभों के निकट जाने से बचें, जब तक कि संबंधित विभाग जरूरी सुरक्षा उपाय पूरा नहीं कर लेते.

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गुवाहाटी में भारी बारिश के बाद 31 मई को जलमग्न सड़क से रिक्शा खींचता एक शख्स (तस्वीर: PTI)

असम में भूस्खलन से कई मौतें

असम के गुवाहाटी में चापाईडांग के दाईमुगुरी में हाल ही में हुए भूस्खलन की वजह से तीन परिवार के सदस्यों की जान चली गई, राज्य सरकार ने शोक संतप्त परिवारों की सहायता के लिए एकमुश्त वित्तीय सहायता पैकेज का ऐलान किया है.

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असम के लखीमपुर जिले में बाढ़ प्रभावित इलाके में नाव पर बछड़े के साथ 1 जून को सुरक्षित जगह पर जाते लोग (तस्वीर: PTI)

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को निचले इलाकों और नदी किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और पूरे इलाके में भारी बारिश और बाढ़ के बीच स्थानीय सुरक्षा दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए सख्त सलाह जारी की.

सूबे में भारी बारिश हो रही है, सिलचर में 42 सेमी, करीमगंज में 35 सेमी और हैलाकांडी में 30 सेमी वर्षा दर्ज की गई. भारी बारिश के साथ-साथ पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश में भी भारी बारिश हुई है, जिससे नीचे की ओर बहने वाली नदियों में जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ की चिंता बढ़ गई है.

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असम के नागांव जिले के 1 जून को कामपुर इलाके में भारी बारिश के बाद बाढ़ के पानी से गुजरते लोग (तस्वीर: PTI)

गुवाहाटी जिला भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसकी वजह से पिछले दो दिनों में करीब आठ लोगों की मौत हो गई है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मंत्री जयंत मल्लाबारुआ ने मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की. 

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