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Waqf Act: AIMPLB ने केंद्र के हलफनामे पर उठाए सवाल, कहा- कोर्ट को गुमराह कर रही है सरकार

AIMPLB ने सरकार के हलफनामे को आंकड़ों की हेराफेरी बताते हुए कहा है कि सरकार वक्फ संपत्तियों में वृद्धि का दावा कर रही है जो कि गलत है. सरकार के हलफनामे में दिए गए आंकड़े सही नहीं हैं. बोर्ड ने उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिसने यह हलफनामा दायर किया है.

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सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने अपने जवाबी हलफनामे में केंद्र सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाया है. सुप्रीम कोर्ट में सरकार के जवाब पर दाखिल अपने हलफनामे में बोर्ड का कहना है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही है. साथ ही बोर्ड ने झूठा हलफनामा दाखिल करने के लिए संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. 

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बोर्ड की दलील है कि ये मामला वक्फ संपत्तियों से जुड़ा है. AIMPLB ने सरकार के हलफनामे को आंकड़ों की हेराफेरी बताते हुए कहा है कि सरकार वक्फ संपत्तियों में वृद्धि का दावा कर रही है जो कि गलत है. सरकार के हलफनामे में दिए गए आंकड़े सही नहीं हैं.

बोर्ड ने उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिसने यह हलफनामा दायर किया है. वक़्फ़ संशोधन अधिनियम को कल सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया.

अपने जवाब में मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार ने इस मसले पर कोर्ट का गुमराह करने वाला हलफनामा दायर किया है.

बोर्ड ने सरकार के इस दावे पर भी आपत्ति जाहिर की है कि 2013 के बाद सेंट्रल पोर्टल में दर्ज वक़्फ़ प्रोपर्टी में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. बोर्ड ने उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिसने यह हलफनामा दायर किया है.

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केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में संशोधित वक्फ अधिनियम का बचाव किया तथा संसद द्वारा पारित संवैधानिकता की धारणा वाले कानून पर न्यायालय द्वारा पूर्ण रोक लगाने का विरोध किया.

प्रारंभिक 1,332 पृष्ठों के हलफनामे में केंद्र ने शीर्ष अदालत से वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया और कानून के कुछ प्रावधानों के बारे में शरारतपूर्ण झूठी कहानी की ओर इशारा किया.

सरकार ने दावा किया कि 2013 से देश में वक्फ संपत्तियों की संख्या में 116 प्रतिशत की चौंकाने वाली वृद्धि हुई है. इसने 8 अप्रैल तक वक्फ द्वारा उपयोगकर्ता संपत्तियों के आवश्यक पंजीकरण पर तर्कों का भी विरोध किया और कहा कि यदि इस प्रावधान में अंतरिम आदेश द्वारा हस्तक्षेप किया जाता है तो ये न्यायिक आदेश द्वारा विधायी व्यवस्था का निर्माण होगा.

17 अप्रैल को केंद्र ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि वह 5 मई तक न तो वक्फ बाई यूजर संपत्तियों समेत वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करेगा और न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नियुक्तियां करेगा.

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