पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना जिले के रवींद्र नगर में तुलसी मंच को लेकर दो समुदायों के बीच हुए झगड़े के बाद तनाव जारी है. बुधवार को पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी से शुरू हुआ झगड़ा टीएमसी और बीजेपी के बीच सियासी तनातनी तक पहुंच गया. बीजेपी ने इलाके में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है जबकि टीएमसी का कहना है कि बीजेपी इस मुद्दे को बिना वजह राजनीतिक रंग दे रही है.
तुलसी मंच को लेकर विवाद
यह पूरा मामला रवींद्र नगर में मंदिर के सामने बनी फलों की एक दुकान को लेकर शुरू हुआ था. एक फलवाला कुछ दिनों के लिए कहीं चला गया था और उसकी दुकान की जगह तुलसी मंच तैयार कर दिया गया. फलवाला जब अपनी जगह लौटा तो उसने तुलसी मंच का विरोध किया. हिंसा उस शुरू हुई जब कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस थाने के सामने मोटरसाइकिल में आग लगा दी. इसके बाद छतों से पत्थरबाजी हुई और सड़क पर टायर तक जलाए गए.
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रवींद्र नगर पुलिस स्टेशन के पास एक शिव मंदिर के ठीक सामने दुकानों का निर्माण कर अवैध कब्जे की कोशिश की गई थी. जब स्थानीय हिंदू निवासियों ने इसका विरोध किया और एक दुकान की जगह छोटा तुलसी मंच बनवाया, तो भीड़ ने हिंदू घरों और मंदिरों पर हिंसक हमले शुरू कर दिए. फिलहाल प्रशासन ने तनाव के देखते हुए मंदिर के द्वार बंद करने का आदेश दिया है.
हिंसा के आरोप में 40 गिरफ्तार
हिंसा में एक महिला कांस्टेबल समेत पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत एहतियाती कदम उठाए हैं और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. प्रभावित इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और धार्मिक स्थान तोड़े जाने के आरोपों अब तक 40 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इसके अलावा मौके से मिले सीसीटीवी फुटेज में हमलावर पत्थर बरसाते दिख रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है.
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हिंसा को लेकर बीजेपी नेता सुकांता मजूमदार ने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सांप्रदायिक ताकतों के आगे घुटने टेक दिए हैं. वहीं शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल में ममता के राज में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की. साथ ही आरोप लगाया कि रवींद्र नगर में हिंदू समुदाय के साथ लूटपाट और हिंसा हुई और पुलिस मूकदर्शक बनी रही. इस मुद्दे को लेकर बीजेपी का एक डेलिगेशन राज्यपाल सीवी आनंद बोस से भी मुलाकात करेगा.
वहीं, टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह एक स्थानीय विवाद था, जिसे बीजेपी सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पुलिस ने तत्परता के साथ सही ढंग से कार्रवाई की है. लेकिन बीजेपी राज्य में अराजगता फैलाना चाहती है.