Anna University sexual assault case: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में स्थित अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में एक विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने दोषी ज्ञानसेकरन को 30 साल की कैद और 90,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
विशेष अदालत की न्यायाधीश राजलक्ष्मी ने इस मामले को ‘रेरेस्ट ऑफ रेर’ (दुर्लभतम) माना है, क्योंकि दोषी को सभी ग्यारह धाराओं में सजा दी गई है. जिनमें अधिकांश की कैद एक महीने से तीन साल के बीच थी.
दोषी पक्ष के वकील ने ज्ञानसेकरन की मां की खराब सेहत का हवाला देते हुए दया की अपील की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दी.
वहीं, दोषी ज्ञानसेकरन के वकील बीआर जयप्रकाश नारायणन ने कहा है कि वह इस अदालत के फैसले के खिलाफ आगे अपील करेंगे. क्योंकि ज्ञानसेकरन को बिना किसी रियायत के 30 साल की सजा सुनाई गई है.
बता दें कि 28 मई (बुधवार) को चेन्नई की महिला अदालत ने ज्ञानसेकरन को सभी ग्यारह आरोपों में दोषी ठहराया था. अदालत ने यह स्वीकार किया था कि सभी फॉरेंसिक और दस्तावेजी साक्ष्य ज्ञानसेकरन के खिलाफ थे.
क्या है पूरा मामला?
ज्ञानसेकरन, अन्ना यूनिवर्सिटी के पास बिरयानी स्टॉल चलाता था. 23 दिसंबर 2024, रात लगभग 8 बजे वह यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुसता है और एकांत क्षेत्र में मौका पाकर एक छात्रा का यौन उत्पीड़न करता है. साथ ही छात्रा के एक पुरुष मित्र पर हमला करता है.
पुलिस के अनुसार, ज्ञानसेकरन ने घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया था और बाद में उसका इस्तेमाल पीड़िता को ब्लैकमेल करने के लिए किया.
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मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने क्या कहा?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए पुलिस की जांच की प्रशांसा की. उन्होंने कहा कि मामले की जांच पांच महीने में पूरा करके आरोपी को सजा दिलाई गई. महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सरकार पूरी गंभीरता से प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि यह फैसला हाल में ही कानून में संसोधन के अनुरूप है जो कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को कड़ी सजा दिलाने के लिए सुनिश्चित करता है.