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तहव्वुर राणा की 18 दिन की NIA कस्टडी मंजूर, जांच एजेंसी ने मांगी थी 20 दिन की रिमांड

पटियाला हाउस कोर्ट ने देर रात तक चली सुनवाई के दौरान राणा को 18 दिन की NIA कस्टडी में भेजने का आदेश दिया. जांच एजेंसी ने तहव्वुर राणा की 20 दिन की हिरासत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने 18 दिन की कस्टडी मंजूर की. उसे कड़ी सुरक्षा में एनआईए हेडक्वार्टर ले जाया गया, जहां दिन में उससे पूछताछ शुरू होगी.

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तहव्वुर राणा को NIA कस्टडी में भेजा गया
तहव्वुर राणा को NIA कस्टडी में भेजा गया

26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को NIA कस्टडी में भेज दिया गया है. पटियाला हाउस कोर्ट ने देर रात तक चली सुनवाई के दौरान राणा को 18 दिन की NIA कस्टडी में भेजने का आदेश दिया. विशेष एनआईए न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने एनआईए की याचिका पर यह फैसला सुनाया. 64 वर्षीय राणा को गुरुवार देर रात भारी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया था. इस दौरान एक जेल वैन, बख्तरबंद स्वाट वाहन और एंबुलेंस समेत एक बड़ा काफिला कोर्ट पहुंचा. जांच एजेंसी ने तहव्वुर राणा की 20 दिन की हिरासत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने 18 दिन की कस्टडी मंजूर की.

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इसके बाद कड़ी सुरझा में तहव्वुर राणा को कोर्ट से एनआईए मुख्यालय ले जाया गया है. एनआईए के हेडक्वार्टर में ही तहव्वुर राणा रात बिताएगा. सूत्रों के मुताबिक, राणा को एनआईए हेडक्वार्टर के ग्राउंड फ्लोर पर बने लॉकअप में रखा जाएगा. आज सुबह एनआईए की विशेष टीम तहव्वुर राणा से पूछताछ करेगी. यह पूछताछ मुख्यालय की तीसरी मंजिल पर बने क्वेश्चनिंग रूम में की जाएगी.

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NIA ने कस्टडी के लिए कोर्ट में दीं ये दलीलें

सूत्रों के अनुसार, एनआईए ने राणा की 20 दिन की हिरासत यह कहते हुए मांगी थी कि उसके पास कुछ अहम ईमेल सहित पुख्ता सबूत हैं, जिनके आधार पर उससे पूछताछ की जानी है. एजेंसी ने अदालत को बताया कि राणा की पूछताछ 2008 के हमले की व्यापक साजिश को उजागर करने के लिए आवश्यक है. मौजूदा सबूतों और अन्य तथ्यों की पुष्टि के लिए राणा से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है.

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एनआईए ने कहा कि राणा ने हमले की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और आरोपी नंबर-1 डेविड हेडली ने भारत आने से पहले पूरे ऑपरेशन पर उससे चर्चा की थी. हेडली ने संभावित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राणा को एक ईमेल भेजकर अपनी संपत्तियों और अन्य विवरणों की जानकारी दी थी. इसके अलावा, उसने राणा को पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की भूमिका के बारे में भी बताया था.

जब कोर्ट ने राणा से उसके वकील के बारे में पूछा

एनआईए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने अदालत में पक्ष रखा. जब अदालत ने राणा से पूछा कि क्या उसके पास कोई वकील है, तो उसने कहा कि नहीं है. इसके बाद दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अधिवक्ता पीयूष सचदेवा को राणा की पैरवी के लिए नियुक्त किया गया.

राणा को कोर्ट लाने से पहले दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मीडिया और आम नागरिकों को कोर्ट परिसर से बाहर कर दिया और कहा कि किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है.

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2008 हमलों की पूरी साजिश की जानकारी जुटाएंगे: NIA

जांच एजेंसी ने प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी दी कि गुरुवार शाम को तहव्वुर हुसैन राणा को हिरासत में लिया गया. यह कार्रवाई दिल्ली की एक विशेष अदालत के आदेश पर की गई. एनआईए ने राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण (extradition) के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया. इसके बाद उसे पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया. अब तहव्वुर राणा 18 दिनों तक एनआईए की हिरासत में रहेगा. इस दौरान एनआईए उससे पूछताछ करके 2008 के मुंबई हमलों की पूरी साजिश की जानकारी जुटाएगी. इन हमलों में 166 लोगों की जान गई थी और 238 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

NIA ने आगे बताया कि उसने कई सालों की कोशिशों के बाद अमेरिका से राणा का प्रत्यर्पण करवाया. अमेरिका की अदालतों में राणा ने प्रत्यर्पण रोकने की कई कोशिशें कीं, लेकिन अंत में सभी याचिकाएं खारिज हो गईं. यहां तक कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने अमेरिका की एफबीआई, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर यह कार्रवाई पूरी की. राणा को अमेरिका के लॉस एंजेलेस से दिल्ली एक विशेष विमान से लाया गया, जिसमें एनआईए और एनएसजी के वरिष्ठ अधिकारी भी थे. 

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विशेष विमान से शाम को भारत पहुंचा था राणा

आतंकी राणा को लेकर विशेष विमान गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर पहुंचा. विमान से बाहर निकलते ही NIA की टीम ने उसे हिरासत में ले लिया. जांच एजेंसी ने बताया कि सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया. एनआईए की ओर से जारी बयान में कहा गया, “पालम एयरपोर्ट पर मौजूद NIA की जांच टीम ने राणा को विमान से उतरने के बाद ही गिरफ्तार कर लिया. वह पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जो मुख्य रूप से अमेरिका के शिकागो में रह रहा था.”

इसके बाद उसको दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट स्थित विशेष NIA अदालत में देर रात पेश किया गया. एजेंसी ने अदालत से यह कहते हुए 20 दिन की रिमांड मांगी कि उसके पास आरोपी की भूमिका से संबंधित ठोस सबूत हैं, जिनमें ईमेल्स और अन्य डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं. लंबी बहस के बाद कोर्ट ने देर रात अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी की 18 दिन की कस्टडी मंजूर की.

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद प्रत्यर्पण हुआ संभव

राणा का प्रत्यर्पण अमेरिका में लंबे कानूनी संघर्ष के बाद संभव हो पाया, जिसे भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक और जांच एजेंसियों की कामयाबी माना जा रहा है. उसे 26/11 हमलों की साजिश में अहम भूमिका निभाने का आरोपी बनाया गया है, जिनमें 166 लोगों की जान गई थी. तहव्वुर राणा पर 26/11 के हमलों की साजिश में लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाने का आरोप है. सूत्रों के मुताबिक, NIA तहव्वुर राणा से मुंबई हमलों की साजिश, अन्य आरोपियों से संबंध और विदेशी नेटवर्क के बारे में पूछताछ करेगी.

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